मुख्यमंत्री कमलनाथ
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शनिवार को प्रदेश भाजपा नेताओं पर निशाना साधा और कहा कि उन्हें बाढ़ से हुए नुकसान पर राजनीति करने की बजाय भाजपा नीत केन्द्र सरकार से राहत राशि राज्य सरकार को दिलवाने के लिए दिल्ली में धरने पर बैठना चाहिये।

कमलनाथ ने जबलपुर में एक कार्यक्रम में कहा कि प्रारंभिक आकलन के अनुसार राज्य में हाल ही में आयी बाढ़ से 11861 करोड़ रुपये की संपत्ति और फसलों का नुकसान हुआ है। इसके चलते मध्यप्रदेश सरकार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों के लिए केन्द्र सरकार से धनराशि की मांग की है। कमलनाथ ने भाजपा नेताओं का नाम लिये बगैर कहा कि वे इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को इस मुद्दे पर राजनीति करने के बजाय केन्द्र सरकार से राहत राशि जल्द से जल्द मध्यप्रदेश सरकार को दिलवाने के लिए दिल्ली में धरने पर बैठना चाहिये, ताकि हम पीड़ितों को शीघ्र राहत उपलब्ध करा सकें।

वहीं, मंदसौर में बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए प्रदर्शन कर रहे भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कमलनाथ एक निर्वाचित सरकार के मुखिया हैं। उन्हें मदद मांगने के लिए स्वयं दिल्ली जाना चाहिए। यहां पर बैठकर मुझे कोसने से कुछ नहीं होगा। जब मैं मुख्यमंत्री था तब क्या मैंने कभी विपक्ष से दिल्ली से मदद लाने के लिए कहा।

कमलनाथ ने कहा कि नीमच, मंदसौर एवं भिण्ड जिलों में बाढ़ से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। उन्होंने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कैमरा की राजनीति और बड़े विज्ञापन की राजनीति युवाओं के भविष्य को सुरक्षित नहीं कर सकती।

वह जबलपुर में नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज परिसर में 150 करोड़ रुपये की लागत से 220 बिस्तर वाले सुपर स्पेशियेलिटी ब्लाक के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश की 70 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है। इसी तरह प्रदेश का नवनिर्माण हमारे नौजवानों के हाथ में है। सरकार ने पिछले नौ माह में कृषि क्षेत्र को उन्नत बनाने और किसानों को बेहतर लाभ देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। हम कृषि क्षेत्र में विकास की नई संभावनाओं को साकार कर रहे हैं।