पुलिस ने करंट लगाया, नाखून उखाड़े और कुर्सी से बांधकर पीटा, हिरासत में हुई संजू की मौत
संजू की मां, बहन और भाई ने एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र के सामने पुलिस की दरिंदगी की कहानी बताई तो वहां मौजूद लोगों के रोंगटे खड़े हो गए। मामले में टीआई नीता देअरवाल के बाद चारों आरक्षक राजेश, शिव कुमार, इंदर राठौर और सुनील रघुवंशी को निलंबित कर दिया गया है।
सूत्रों की माने तो शॉर्ट पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मारपीट के निशान मिले हैं। बलाई समाज के लोगों ने पीड़ितों को जिलाधिकारी से चार लाख रुपये और अंतिम संस्कार के लिए 15 हजार रुपये दिलवाए हैं। संजू के चचेरे भाई दिलीप सोलंकी ने बताया कि जब मैंने पूछा कि संजू की मां को क्यों मारा तो मुझे कहा कि तुम्हें भी आरोपी बना देंगे।
सोलंकी ने कहा, ‘मुझे काफी समय बाद पता चला कि संजू और उसके परिवार के लोगों को गांधीनगर थाने लाया गया है। थाने पहुंचने पर देखा बुआ संजू की मां नंदीबाई को संभाल रही थीं। उनके हाथ-पैर में गंभीर चोट लगी थी। संजू को पुलिसवाले पुलिस वाहन में फेंक चुके थे। मुझे गड़बड़ लगी तो मैंने टीआई से बात की। उसने पूछा कौन हो तुम। जब मैंने कहा कि संजू की बूढ़ी मां को क्यों मारा तो उसने कहा ज्यादा मत बोलो तुम्हें भी आरोपी बना देंगे। जब मैं संजू के पास पहुंचा तो वह मर चुका था। पुलिसवाले उसके पास जाने नहीं दे रहे थे। उसकी मौत पुलिस पिटाई से ही हुई है।’
संजू की मां नंदीबाई का कहना है कि टीआई मैडम दो बजे पुलिसवालों के साथ घर पर आई थीं। संजू को चोर बोलकर मुझसे कहा कि माल कहां रखा है। रस्सी से मेरे हाथ बांधकर मुझे डंडे मारे। बाल पकड़कर दीवार पर मार दिया और एक हाथ तोड़ दिया। इसके बाद मुझे थाने ले गए। शाम को करीब पांच बजे मेरे हाथपैर बांधकर बेटी राजू बाई के गांव नरवल ले गए। वहां की तलाशी के बाद हम दोनों को थाने लाए और एक कमरे में बिठाकर तलाशी करते रहे। संजू को दूसरे कमरे मे ले गए और उसके कपड़े उतरवाकर पैर के पंजों में लाठी मारी, नाखून उखाड़ने की कोशिश की और बैटरी से करंट लगाया। जब मैंने शोर मचाया तो मेरी भी पिटाई की। पुलिस की पिटाई से मेरे बेटे ने थाने में दम तोड़ दिया।