उत्तर पूर्वी दिल्ली के मंडोली में रहने वाली एक छात्रा शिवानी (18) ने 12वीं में लगातार तीसरी बार फेल होने पर शुक्रवार को फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, बीती 2 मई को परिणाम घोषित होने के बाद शुक्रवार को छात्रा मां के साथ प्रीत विहार स्थित सीबीएसई मुख्यालय भी गई थी। वहां भी फेल होने के बारे में पता चलने पर घर पहुंचकर उसने अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली।
राजकीय विद्यालय में पढ़ती थी :पुलिस के मुताबिक, शिवानी परिवार के साथ मंडोली में रहती थी। वह मंडोली रोड स्थित राजकीय कन्या विद्यालय में 12वीं कक्षा की छात्रा थी। उसके परिवार में पिता शिव कुमार, मां, दो छोटे भाई और बहन हैं। शिव कुमार पार्किंग में पर्ची काटने का काम करते हैं। शिव कुमार ने बताया कि 2 मई को सीबीएसई ने 12वीं का परिणाम घोषित किया था। शिवानी ने इंटरनेट पर अपना परिणाम चेक किया। मगर उसने बताया कि उसका परिणाम दिख नहीं रहा है।
मां को बाहर ही रोक दिया: शुक्रवार को वह मां के साथ परिणाम जानने प्रीत विहार स्थित सीबीएसई मुख्यालय गई। वहां सुरक्षागार्डों ने सिर्फ शिवानी को ही अंदर जाने दिया, जबकि उसकी मां को बाहर ही रोक दिया गया। थोड़ी देर बाद शिवानी रोती हुई बाहर निकली और अपनी मां को बताया कि वह फेल हो गई है। घर पहुंचने पर खाना खाने के बाद वह ऊपर के कमरे में चली गई। वह देर तक नीचे नहीं आई तो छोटा भाई उसे बुलाने ऊपर गया, मगर उसका कमरा अंदर से बंद था।
देर तक आवाज लगाने के बाद जब कोई जवाब नहीं आया तो भाई ने खिड़की से झांक कर देखा तो उसकी आंखें फटी की फटी रह गईं, शिवानी कमरे में पंखे से फांसी का फंदा लगाकर लटक रही थी। मामले की सूचना पर पहुंची पुलिस शिवानी को अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं, पीड़ित परिजनों का कहना है कि फेल होने की वजह से शिवानी काफी परेशान थी, जबकि वह उसे समझा रहे थे। इसके बाद भी उसने यह कदम उठा लिया।
सर गंगाराम अस्पताल के बाल मनोचिकित्सक राजीव मेहता ने बताया कि माता-पिता के दबाव में छात्र पढ़ाई को ही सब कुछ समझने लगते हैं। फेल होने पर उन्हें लगता है कि सब कुछ खत्म हो गया। ऐसे में वह खुदकुशी जैसे कदम उठाते हैं।
अभिभावक बच्चों पर दबाव न बनाएं
– माता-पिता को परीक्षा के दौरान बच्चों पर पढ़ाई को लेकर दबाव नहीं बनाना चाहिए.
– बच्चों की योग्यता पहचानना चाहिए, कम नंबर आने और फेल होने पर उनका हौसला बढ़ाना चाहिए.
– अच्छे मुकाम हासिल करने वाले कम पढ़े लिखे लोगों का उदारहण देना चाहिए.
– डांटने और टोकने के बजाए बच्चों को समझाना चाहिए.
– अच्छे अंक पाने वाले पड़ोसी और रिश्तेदारों के बच्चों से तुलना नहीं करनी चाहिए
फेल होने पर पहले भी खुदकुशी
– 29 मई 2018 : वसंतकुंज में 15 वर्षीय किशोरी ने 10वीं में फेल होने पर जान दी
– 27 फरवरी 2018: दिल्ली के बेरसराय इलाके में आईएएस की परीक्षा में फेल होने पर युवक सम्राट चौहान ने जान दी
– 20 मार्च 2018: मयूर विहार में 15 साल के किशोर ने नौवीं में फेल पर जान दी