फाइल फोटो
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त किए गए वार्ताकारों में से एक, वजाहत हबीबुल्ला ने शाहीन बाग में सड़क अवरोध पर एक हलफनामा दायर किया है। वजाहत हबीबुल्लाह ने अपने हलफनामे में कहा है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण चल रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस ने शाहीन बाग के आसपास पांच रास्तों को बंद कर रखा है। सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की पीठ कल इसपर सुनवाई करेगी। हलफनामे में कहा गया है कि पुलिस ने बेवजह रास्ता बंद किया, जिसकी वजह से लोगों को परेशानी हुई।

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Wajahat Habibullah, in his affidavit, has stated that the protest in Shaheen Bagh against Citizenship Amendment Act is peaceful; also stated that the police have blocked five points around Shaheen Bagh. https://twitter.com/ANI/status/1231468840153800704 

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Shaheen Bagh matter: One of the interlocutors appointed by Supreme Court, Wajahat Habibullah has filed an affidavit in the Court on the road blockage in Shaheen Bagh. Hearing is scheduled to be held tomorrow by a two-judge bench.

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बजाहत ने कहा है कि रास्ते बंद हैं लेकिन स्कूल वैन और एंबुलेंस को जाने की इजाजत दी जा रही है। हांलाकि, पुलिस की चेकिंग के बाद ही इसकी अनुमति है। वजाहत हबीबु्ल्ला पूर्व आईएएस अधिकारी हैं और प्रमुख सूचना आयुक्त भी रह चुके हैं। हबीबुल्ला राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के भी अध्यक्ष रह चुके हैं।

बातचीत चौथे दिन भी बेनतीजा

शाहीन बाग प्रदर्शन में शनिवार को चौथे दिन बातचीत के लिए पहुंची सुप्रीम कोर्ट की वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने एक बार फिर रास्ता खाली करने की अपील की। प्रदर्शनकारियों ने 24 घंटे सुरक्षा मुहैया कराने का लिखित आश्वासन मांगा। उन्होंने अन्य कई मांगें भी रखीं। इनमें प्रमुख जामिया नगर हिंसा में दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग भी है।

साधना ने करीब डेढ़ घंटे तक प्रदर्शनकारियों से बातचीत का प्रयास किया, लेकिन अंत में यह पूरी तरह विफल दिखी। चौथे दिन वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े वार्ता में नहीं पहुंचे। वार्ताकार रविवार को अंतिम दिन भी प्रयास करेंगे। इसके बाद कोर्ट के सामने पूरी रिपोर्ट पेश की जानी है।

सीएए के खिलाफ दो महीने से ज्यादा समय से चल रहे प्रदर्शन के कारण बंद रास्ते को खुलवाने के लिए पहुंची साधना रामचंद्रन ने केवल महिलाओं से बातचीत की और मीडिया को भी वहां से हटने को कहा। वे प्रदर्शनकारियों को स्थान बदलने के लिए मनाती रहीं। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने एक तरफ की सड़क खोलने के लिए भी कुछ शर्तें रख दीं।