भरपूर पानी, फिर भी जलसंकट
खानपुरा क्षेत्र में वार्ड 29, जलकल समिति सभापति रामेश्वर मकवाना के क्षेत्र में सुबह 3.30 बजे नल आते हैं। ये 7 बजे तक चलते हैं। अभिनंदननगर, किला रोड, रामटेकरी, संजीत रोड के कई इलाके ऐसे हैं जहां कम दबाव से पानी आता है। कई बार तय समय एक घंटा भी पानी नहीं मिलता। सिस्टम की खामी और लचर प्रबंधन के कारण कालाभाटा बांध में भरपूर पानी होने के बाद भी कई क्षेत्रों में जलसंकट की स्थिति बन रही है।
वार्ड 29 में यह स्थिति इसलिए है क्योंकि टंकी भरने वाली मेन लाइन से नलों के कनेक्शन दिए थे। टंकी भरने के लिए छोड़ने वाला पानी नलों से बहता है। इसके उलट खानपुरा के मेन रोड से ही लगी भाटी गली, धानमंडी, मदारपुरा में नल पूरे समय एक घंटा भी नहीं चलते हैं। स्थिति यह है कि कौन-सा वॉल्व कब खोलना है। कितने समय के लिए खोलना है। यह न तो इंजीनियरों को पता है न जल-कल समिति प्रभारी को। नेटवर्क, तालमेल की कमी के चलते जलप्रदाय व्यवस्था मैदानी कर्मचारियों के भराेसे छोड़ दी है। इससे परेशानी हो रही है।
अभिनंदननगर के महेश शर्मा ने बताया गर्मी में सबसे ज्यादा परेशानी आ रही है। एक दिन छोड़कर जलप्रदाय होता है। कभी 40 मिनट में नल बंद हो जाते हैं तो कभी 1 घंटा 10 मिनट तक चलते हैं लेकिन प्रेशर नहीं रहता। किला रोड के सुरेश पालीवाल ने बताया ऊंचा इलाका होने से कई पंपिंग की दिक्कत के कारण नलों का प्रेशर कम होता है। शिकायत पर भी कार्रवाई नहीं होती। खानपुरा के अफसर खान ने कहा मेन रोड पर राइजिंग लाइन से कनेक्शन चल रहे हैं लेकिन आंतरिक हिस्सों में जलप्रदाय पूरी तरह बिगड़ा है। नपा भी ध्यान नहीं दे रही।
खानपुरा क्षेत्र के वार्ड 30 के कई इलाकों में लोग जलप्रदाय सिस्टम की गड़बड़ी से परेशान हैं। पार्षद लियाकत नीलगर का कहना है क्षेत्र में सुबह 5 से 6 बजे के बीच जलप्रदाय होता है। ऊंचा इलाका होने से टंकी के साथ नलकूपों से पानी की बूस्टिंग करना पड़ती है। वॉल्वमैन कई बार टंकी से सिस्टम खोल देता है लेकिन पंपिग वाॅल्व नहीं खोलता। शिकायत पर कई बार वॉल्व खाेलने वे खुद जाते हैं या वॉल्वमैन काे बुलाते है।
नपा दावा है 9 टंकियों को भरने के लिए औसत 3 लाख गैलन पानी की जरूरत है। एक दिन छोडकर जलप्रदाय करने पर नपा औसतन 1.50 लाख गैलन शहर में बांटती है। किला रोड, बोहरा बाखल, सराफा, मदारपुरा, नरसिंहपुरा के कई ऊंचे इलाकों में पानी पहुंचाने के लिए नपा को 150 हार्स पावर के पंप से बूस्टिंग करना पड़ती है। इसमें प्लांट से मेनलाइन में प्रेशन से पानी छोड़ा जाता है। इसमें कितना पानी खर्च होता है, नपा के पास इसका कोई हिसाब नहीं है। टंकी को भरने और बूस्टिंग को लेकर नपा के पास कोई फार्मूला नहीं है।
जलकल समिति प्रभारी रामेश्वर मकवाना का कहना है सिस्टम में गड़बड़ी है। टंकी और पंपिंग से पानी के कारण कई बार रोज औसत खर्च होने वाले पानी का आकलन गड़बड़ाता है। वाल्वमैन और लाइनमैन को जलप्रदाय की टाइमिंग के बारे में पता होता है। शिकायत पर जवाब मांगा जाता है। डिस्ट्रीब्यूशन को लेकर दूसरे चरण की जलप्रदाय योजना का पूरा प्लान तैयार होगा। जलप्रदाय विभाग प्रभारी बी.बी. गुप्ता का कहना है वाल्वमैन और लाइनमैन की नियमित बैठक लेकर जलप्रदाय की समीक्षा की जाती है। कहीं कुछ खामी है तो उसे सुधार जाएगा।