नई दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, वित्त मंत्री अरूण जेटली एवं समस्त अतिथिगणों की मौजूदगी में आज मध्य रात्रि में गुड्स एंड सर्विस टेक्स (जीएसटी) की देशभर में लॉन्चिंग हो गया है.

संसद भवन के सेन्ट्रल हॉल में आयोजित विशेष सत्र में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जीएसटी की लॉन्चिंग की.जीएसटी लॉन्चिंग से पहले देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह कानून किसी एक दल या सरकार की उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह देश की साझी विरासत है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ ऐसे पल होते हैं, जिसमें हम नई ऊंचाई को छूने का प्रयास करते हैं. उन्होंने कहा कि GST सिर्फ अर्थव्यवस्था के लिए नहीं है, नई व्यवस्था की शुरुआत है.

जीएसटी गुड्स एंज सर्विस टैक्स नहीं बल्कि गुड एंड सिंपल टैक्स 

मोदी ने कहा जीएसटी महज एक आर्थिक सुधार नहीं बल्कि सामाजिक सुधार साबित होने जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘जीएसटी गुड्स एंज सर्विस टैक्स नहीं बल्कि गुड एंड सिंपल टैक्स है.’

पीएम ने कहा कि यह रास्ता किसी एक दल की सिद्धि नहीं है, ये रास्ता किसी एक सरकार की सिद्धि नहीं है ये जीएसटी सभी लोगों के प्रयास का फल है. उन्होंने कहा कि ये वो सेंट्रल हॉल है, जहां पर कई ऐतिहासिक काम हुए हैं. पीएम ने कहा कि 9 दिसबंर 1946 को संविधान सभा की पहली बैठक यहां पर ही हुई थी. उस समय पंडित नेहरू, अबुल कलाम आजाद, वल्लभ भाई पटेल समेत कई लोग यहां पर बैठे थे.

पीएम ने कहा कि GST के रुप में हम एक नए भारत की शुरुआत कर रहे हैं, इसके लिए सेंट्रल हॉल से अच्छी जगह कोई नहीं है. मोदी बोले कि गीता में भी 18 अध्याय थे और जीएसटी काउंसिल की भी 18 बैठके हुईं. पीएम ने कहा कि अब पूरे देश में एक ही टैक्स लगेगा, लगभग 500 टैक्स खत्म हो रहे हैं. अब से पहले दिल्ली में कुछ और दाम रहता था, तो नोएडा में कुछ और पर अब ऐसा नहीं होगा.

26 नवंबर 1949 देश ने संविधान को स्वीकार किया

26 नवंबर 1949 देश ने संविधान को स्वीकार किया. यह वही जगह है और आज जीएसटी के रूप से बढ़कर कोई और स्थान नहीं हो सकता, इस काम के लिए.

संविधान का मंथन 2 साल 11 महीने 17 दिन चला था. हिंदुस्तान के कोने कोने से विद्वान उस बहस में हिस्सा लेते थे. वाद-विवाद होते थे, राजी नाराजी होती थी.

वित्त मंत्री ने जीएसटी पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की कोशिशों की सराहना करते हुए कहा कि राष्ट्रपति जीएसटी की यात्रा के सबसे पहले गवाह हैं, जो 15 साल पहले शुरू हुई थी.

2006 के बजट मे यूपीए के बजट में सरकार ने घोषणा की थी कि 2010 में इसे लागू किया जाएगा। 2011 में वित्त मंत्री की हैसियत से राष्ट्रपति ने जीएसटी को संसद के पटल पर रखा था.