भारत और बांग्लादेश के बीच एकमात्र टेस्ट
हैदराबाद:
सलामी बल्लेबाज मुरली विजय और चेतेश्वर पुजारा के बीच दूसरे विकेट की अटूट अर्धशतकीय साझेदारी की बदौलत भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ एकमात्र टेस्ट के पहले दिन लंच तक एक विकेट पर 86 रन बनाए। टास जीतकर बल्लेबाजी करने उतरे भारत ने मैच की चौथी गेंद पर ही लोकेश राहुल का विकेट गंवा दिया जिसके बाद विजय और पुजारा ने दूसरे विकेट के लिए 84 रन की अटूट साझेदारी करके पारी को संभाला।
रन आउट के आसान मौके पर बचे विजय 71 गेंद में 45 जबकि पुजारा 86 गेंद में 39 रन बनाकर खेल रहे हैं। विजय ने छह जबकि पुजारा ने चार चौके जड़े हैं। बांग्लादेश ने गेंदबाजी में अनुशासित शुरूआत की लेकिन पिच से उतनी मदद नहीं मिल रही थी जो मैच आगे बढ़ने के साथ धीमी होती जाएगी। राहुल तेज गेंदबाज तास्किन अहमद की मैच की चौथी गेंद पर ही कवर ड्राइव लगाने की कोशिश में इसे विकेटों पर खेल गए। तास्किन के जोड़ीदार कामरूल इस्लाम रब्बी ने भी अच्छी शुरूआत की जिससे विजय और पुजारा शुरूआत में सतर्कता के साथ खेले और पहले पांच ओवर में सिर्फ सात रन बने।
पुजारा ने छठे ओवर में रब्बी की गेंद पर प्वाइंट क्षेत्र में पहला चौका जड़ा। बांग्लादेश ने 11वें ओवर में जब पहले बदलाव के रूप में सौम्य सरकार को उतारा तो भारतीय बल्लेबाजों ने खुलकर खेलने का फैसला किया। पुजारा ने सरकार पर चौका जड़ा जबकि विजय ने रब्बी की गति और अतिरिक्त उछाल का फायदा उठाकर पुल करके तीन चौके मारे। उन्होंने तास्किन पर कवर ड्राइव से भी चार रन बटोरे। विजय हालांकि पारी के 19वें ओवर में भाग्यशाली रहे जब आफ स्पिनर मेहदी हसन मिराज की गेंद पर पुजारा के साथ गलतफहमी का शिकार होकर रन आउट होने से बचे। विजय ने मिराज की गेंद को स्क्वायर लेग पर खेला जहां रब्बी ने शानदार क्षेत्ररक्षण किया और दोनों बल्लेबाज एक ही छोर पर पहुंच गए। विजय ने इसके बाद रन के लिए भागने का फैसला किया लेकिन रब्बी के खराब थ्रो को गेंदबाज पकड़ नहीं पाया और विजय को जीवनदान मिला
भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ अब तक 8 टेस्ट मैच खेले हैं। इसमें भारत ने 6 में जीत दर्ज की, जबकि 2 मैच ड्रॉ रहे। दोनों देशों के बीच आखिरी टेस्ट जून, 2015 में हुआ था, जो ड्रॉ रहा था। 17 साल में पहली बार बांग्लादेश की टीम टेस्ट खेलने भारत आई है। उसे साल 2000 में टेस्ट टीम का दर्जा मिला था।





