10 करोड़ से शिप्रा नदी का पानी होगा साफ, टेंडर की मंजूरी
उज्जैन। महाकुंभ सिंहस्थ-16 से पहले मोक्षदायिनी शिप्रा नदी का पानी कांच की तरह साफ और शुद्ध होगा। इसके लिए गुस्र्वार को नगर निगम की महापौर परिषद ने टेंडर निकाले जाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी।
अपर आयुक्त विशालसिंह चौहान ने बताया कि सिंहस्थ मेले के वक्त लोग शिप्रा के साफ-सुथरे पानी में स्नान और आचमन कर सके, इसके लिए त्रिवेणी से लेकर सिद्धवट तक शिप्रा का ऑक्सिडेशन एजेंसी तय कर किया जाएगा। इस कार्य को कराने के लिए सिंहस्थ की राज्य साधिकार समिति ने 10 करोड़ स्र्पए की सैद्धांतिक सहमति दी है। एमआईसी ने भी टेंडर निकाले जाने का प्रस्ताव मंजूर कर दिया है।
महापौर की मंशा- हमेशा साफ-सुथरी रहे शिप्रा
बैठक में महापौर रामेश्वर अखंड ने मंशा व्यक्त की कि शिप्रा हमेशा साफ-सुथरी रहना चाहिए। फिलहाल जो प्रस्ताव है वह सिर्फ सिंहस्थ-16 के लिहाज से शिप्रा का पानी साफ-सुथरा किए जाने का है। उज्जैन तीज- त्योहारों का शहर है, जहां आए दिन धार्मिक स्नान, मेला लगने की परंपरा है। इसलिए शासन को शिप्रा का पानी हमेशा साफ-सुथरा बनाए रखने के लिए स्थायी प्रबंध करना चाहिए।
सड़कों की सफाई के लिए 1.50 करोड़ की मशीन
शहर की चौड़ी हुई मुख्य सड़कों की साफ-सफाई के लिए निगम जल्द ही 1.50 करोड़ स्र्पए तक की स्वीपिंग मशीन खरीदेगा। महापौर परिषद ने मशीन खरीदे जाने का टेंडर निकालने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी।
पीडब्ल्यूडी ने कैसे कर दिया डामरीकरण
बैठक में एमआईसी सदस्यों ने अफसरों से जवाब तलब किया कि – गारंटी पीरियड की सड़कों पर पीडब्ल्यूडी ने कैसे डामरीकरण कर दिया। जवाब न मिलने पर समन्वय के साथ काम कराने की बात सदस्यों ने कही। उनकी शिकायत यह भी थी कि पीडब्ल्यूडी ने सड़कें तो बनाईं, लेकिन नालियां नहीं। ऐसे में सड़कें कब तक टिक पाएंगी।