भाजपा सांसद केपी यादव। - फाइल फोटोभाजपा सांसद केपी यादव। – फाइल फोटो
  • मुंगावली एसडीएम ने की कार्रवाई, बेटे को आरक्षण का लाभ दिलाने का आरोप
  • केपी यादव दोषी ठहराए जाते हैं ताे हो सकती है 7 साल तक की सजा

अशोकनगर. 2019 के लोकसभा चुनाव में गुना-शिवपुरी संसदीय सीट से दिग्गज कांग्रेसी ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराकर सुर्खियों में आए भाजपा सांसद डॉ. केपी यादव की मुश्किल बढ़ गई है। सोमवार को मुंगावली एसडीएम ने यादव और उनके बेटे के जाति प्रमाण-पत्र निरस्त कर दिए।

यह कार्रवाई एसडीएम द्वारा 2014 में बेटे सार्थक यादव को पिछड़ा वर्ग आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए अपनी आय क्रीमीलेयर 8 लाख रुपए से कम बताने पर की गई है। जबकि लोकसभा चुनाव के दौरान यादव ने अपनी आय 39 लाख रुपए बताई थी। दोनों आय में अंतर होने पर मुंगावली से कांग्रेस विधायक ब्रजेंद्र सिंह यादव ने इसकी शिकायत एसडीएम से की थी। जांच के बाद एसडीएम ने जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर इसका प्रतिवेदन एडीएम को भेजा है।

विधानसभा में उठ सकता है मुद्दा
इस मामले पर बातचीत करने के लिए जब सांसद डाॅ. यादव से बातचीत करना चाही गई तो उनका फोन रिसीव नहीं हुआ। वहीं जिलाध्यक्ष उमेश रघुवंशी जो खुद एडवोकेट हैं उन्होंने भी फोन रिसीव नहीं किया। इस मामले को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस विधायकों के उठाने की संभावना है।