विधानसभा सत्र में सरकार द्वारा 2019-20 का पहला अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा।

भोपाल. मध्यप्रदेश की पंद्रहवीं विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू होने जा रहा है। पांच बैठकों वाला शीतकालीन सत्र 17 से 23 दिसंबर तक चलेगा। विपक्षी दल भाजपा के तेवर को देखते हुए सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं। 18 दिसंबर को सदन में अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा और 19 दिसंबर को इस पर चर्चा होगी। दोनों ही दलों ने विधायकों सदन में रहने के निर्देश जारी करते हुए व्हिप जारी कर दी है। सत्र के पहले दिन मध्‍यप्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों कैलाश जोशी व बाबूलाल गौर को श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसके बाद सदन की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित होने की संभावना है।

सत्र शुरू होने से पहले कार्यमंत्रणा समिति की बैठक होगी, जिसमें सत्र में आने वाले शासकीय और अशासकीय विषयों के बारे में चर्चा होगी। सत्र में सरकार द्वारा 2019-20 का पहला अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा। बताया जाता है कि यह अभी तक का सबसे बड़ा अनुपूरक बजट होगा, जो 23 हजार करोड़ रुप्ए का होने का अनुमान है।

सात दिन के सत्र में इस बार 2125 लिखित प्रश्न

सात दिन के विधानसभा सत्र में इस बार 2125 लिखित प्रश्नों के जरिए विभिन्‍न विधायकों द्वारा विभिन्न् मुद्दे उठाए गए हैं। विधानसभा सचिवालय को अभी तक शासकीय विधेयकों की पांच सूचनाएं पहुंची हैं, जबकि 300 ध्यानाकर्षण, 20 स्थगन प्रस्ताव, 22 अशासकीय संकल्प, 93 शून्यकाल की सूचनाओं के माध्यम से भी प्रदेश के विभिन्न् विषयों पर विधायक अपनी बात रखेंगे।

कांग्रेस विधायक दल की बैठक

कांग्रेस विधायक दल की बैठक में अतिथि विद्वानों का मामला उठा। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने साफ कर दिया कि एक भी अतिथि विद्वान को नौकरी से नहीं निकाला जाएगा। उन्होंने उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी से कहा कि धरना स्थल पर जाकर अतिथि विद्वानों के मामले को शॉर्टआउट कर आंदोलन खत्म कराओ। बैठक के दौरान शीतकालीन सत्र के दौरान विधायकों को उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 20 लाख किसानों का कर्जमाफ हो चुका है, 12.50 लाख किसानों की कर्जमाफी आज से शरू की जा रही है।

शून्यकाल में अधिकतर मामले उठाए जाएंगे
विधायकों से सदन में पूरे समय उपस्थित रहने को कहा गया। निर्णय लिया गया कि प्रश्नकाल व ध्यानाकर्षण को बाधित नहीं किया जाएगा। शून्यकाल में अधिकतर मामले उठाए जाएंगे। विधायक दल ने नागरिकता संशोधन कानून बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया।