राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी के रिकॉर्ड्स पर यकीन किया जाए, तो हर साल औसतन 100 भारतीय खिलाड़ियों पर प्रतिबंध की गाज गिरती है। इन खिलाड़ियों में 70% खिलाड़ी एथेलेटिक्स, भारोतलन और कुश्ती के होते
 विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को वाडा के नियमों को सख्ती से मानना चाहिए ताकि खेल से डोपिंग के डंक को कम किया जा सके।drop
हाल ही में देश के दो नामी खिलाड़ी नरसिंह यादव और इंद्रजीत सिंह डोप टेस्ट में फेल हो गए थे और रियो में उनका जाना मुश्किल है। आंकड़ो पर नजर डालें 1 जनवरी 2009 से लेकर अब तक 687 खिलाड़ियो पर डोपिंग के चलते बैन लग चुका है।
नाडा कि रिपोर्ट्स के अनुसार औसतन हर साल 100 खिलाड़ी इसका शिकार होते हैं। 2012 में सबसे ज्यादा खिलाड़ियों पर बैन लगा था। 176 खिलाड़ियों पर बैन के बाद अगले चार सालों में आंकड़ो में गिरावट आई है। इस साल अब तक 72 खिलाड़ियों पर बन लग चुका है।