उज्जैन। सिंहस्थ करीब आ गया है और नृसिंह घाट पुल के निर्माण की बाधाएं दूर होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक बार फिर किसान परिवार ने पुल की दूसरी शाखा की एप्रोच रोड बनाने का काम रोक दिया है। किसान का कहना है मुआवजे के 66 लाख रुपए मिलना है पर अभी तक 66 पैसे भी नहीं दिए, इसलिए काम रोका है।

शिप्रा नदी पर नृसिंह घाट के पास पुल की एप्रोच रोड बनाने में सेतु संभाग सहित प्रशासन को काफी मशक्कत करना पड़ रही है। गुरुवार को किसान परिवार ने रोड बनाने का काम रोक दिया। एप्रोच रोड किसान परिवार के जामफल के बगीचे से होकर ही बनाई जा रही है। बड़ी मुश्किल से किसान ने जमीन देने की स्वीकृति दी थी। इस पर ले आउट डालकर प्रस्तावित जमीन की खुदाई की जा चुकी है।

जमीन के बदले में 66 लाख रुपए मुआवजा दिया जाना है। अधिकारियों ने 7 दिसंबर तक मुआवजा देने का वादा किया था। गुरुवार तक राशि नहीं मिली तो किसान परिवार के सदस्यों ने एप्रोच रोड बनाने का काम रोक दिया। उन्होंने अधिकारियों से कहा 66 लाख तो दूर अभी 66 पैसे भी नहीं दिए हैं। अब मुआवजा मिलने के बाद ही काम शुरू करने दिया जाएगा।

12 लाख रुपए घाट निर्माण में उलझे

किसान परिवार के सदस्यों का कहना है 12 लाख रुपए घाट निर्माण में भी अभी उलझे हुए हैं। जल संसाधन विभाग द्वारा उनकी जमीन पर घाट बनाए गए हैं। इसके लिए जमीन अधिग्रहण के बदले मुआवजा राशि दी जाना है परन्तु अब तक यह राशि भी नहीं दी जा सकी। इस कारण अधिकारियों पर वे यकीन करने को तैयार नहीं हैं।

पहले मुआवजा दो फिर काम करो

हमने पुल की एप्रोच रोड बनाने का काम रोक दिया है। 66 लाख रुपए का मुआवजा अभी तक नहीं मिला और रोड बनाने के लिए 5 फीट गहराई में जमीन खोद दी। 170 जामफल के पेड़ भी काटे हैं। अधिकारियों पर हमें भरोसा नहीं है, क्योंकि 12 लाख रुपए घाट निर्माण के लिए दी जमीन के बदले में भी नहीं मिले हैं।