नई दिल्लीउच्च न्यायालय में आज कुछ महत्वपूर्ण मामलों पर सुनवाई होनी है, ये वो मामले हैं जो सीधे-सीधे जनता से जुड़े हैं।पहला मामला, भारतीय पुलिस सेवा से निलंबित गजरात के पुलिस अधिकारी एन. के. अमीन की वो याचिका है जिसपर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा।अमिन ने गुजरात के बहुचर्चित इशरतजहाँ मुठभेड़ कांड में अपने ऊपर लगे आरोपों को निरस्त कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है। इससे पहले अमिन को सोहराबुद्दीन मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने ज़मानत दे दी थी।  दूसरा मामला, आर्थिक जगत से जुड़ा है जिसमें, BSES के भुगतान को लेकर है जिसमें सुप्रीम कोर्ट मे अंतिम सुनवाई होनी है।पिछली सुनवाई मे सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और पॉवर सप्लायर कंपनी NTPC को साफ तौर पर कहा था कि BSES को पूरा भुगतान न होने की सूरत में भी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को अंधकार मे नहीं रखा जा सकता है।

पिछली सुनवाई में एनटीपीसी ने दलील दी थी कि उसे कोयला खरीदने के लिए कोल इंडिया को 75 फीसदी रकम का अग्रिम भुगतान करना पड़ता है…ऐसे मे BSES के डिफॉल्टर बने रहने की सूरत मे वो बिजली सप्लाई जारी नही रख सकते।  तीसरा मामला, आईटी एक्ट की धारा 66 ‘A’ की संवैधानिक वैधता को चैलेंज करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में अंतिम सुनवाई से संबंधित है।

इस एक्ट के तहत फेसबुक या दूसरी सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर आपत्तिजनक कमेंट करने पर गिरफ्तारी के प्रावधान से जुड़ा है। पिछली सुनवाई मे कोर्ट ने केंद्र के इस तर्क से असहमति जताई कि सोशल साइट्स पर कथित तौर पर आपत्तिजनक कमेंट लिखने के कारण कुछ व्यक्तियों की गिरफ्तारी ‘इक्का-दुक्का घटनाएं’ हैं।

कोर्ट ने कहा कि अगर ये अपवाद भी थे तो बहुत गंभीर थे। अधिकारों का उल्लंघन बहुत ही निर्लज्ज और गंभीर मामला है।अंतिम केस पुलिस सुधार को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अहम् सुनवाई को लेकर है, जिन राज्यों ने पुलिस सुधार लागू नहीं किया है उनको जवाब देना होगा की आख़िर उन्होंने अभी तक ऐसा क्यों नहीं किया है।