टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने सिडोन पार्क (हैमिल्टन) में हुए चौथे वनडे की हार का जिम्मेदार गेंदबाजों को बताया है, लेकिन आइसीसी के नए नियमों व पिछले सालों के मैचों ने ये साबित किया है कि अब 300 का स्कोर भी नाकाफी है। ऐसे में एक अहम मैच में 278 रनों का स्कोर क्या भारतीय बल्लेबाजों के प्रदर्शन पर भी सवाल नहीं उठाता? कैप्टन कूल की मानें तो इस हार के पीछे सिर्फ और सिर्फ गेंदबाज सबसे बड़े दोषी रहे। अब इसे सफाई कहें या फिर बहाने, ये तो फैंस ही तय करेंगे। आइए आपको बताते है कि माही ने हार के बाद क्या कहा..

भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज गंवाने के बाद अपने गेंदबाजों से कहा कि गेंदबाजी करते समय उन्हें अपने दिमाग का अधिक से अधिक इस्तेमाल करना चाहिए। धौनी ने चौथे वनडे मैच में हार के बाद गेंदबाजों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि जब कौशल की बात आती है तो निश्चित तौर पर हमारे पास ऐसे गेंदबाज हैं जो अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं लेकिन इसके साथ ही उन्हें अपने दिमाग का अधिक से अधिक इस्तेमाल करना चाहिए। उन्हें खुद में सुधार करना होगा।

धौनी ने कहा कि इस सीरीज को छोड़ दिया जाए तो मुहम्मद शमी ने नियमित अच्छा प्रदर्शन किया है। भुवनेश्वर कुमार के लिए यह सीरीज अच्छी नहीं रही लेकिन वह अच्छा गेंदबाज है। उन्हें परिस्थितियों के हिसाब से गेंदबाजी करनी होगी क्योंकि नियमों में बदलाव के बाद स्थिति मुश्किल हो गई है। इस सीरीज में हालांकि हमारी हार का कारण नियमों में बदलाव नहीं है। इसका कारण खराब गेंदबाजी है। धौनी ने कहा कि गेंदबाजों ने लगातार शॉर्ट और वाइड गेंद की जिससे काफी रन गए। उन्होंने कहा कि सच कहूं तो मैं अपने गेंदबाजों से बहुत निराश हूं। यह इस तरह का विकेट है जहां आप शॉर्ट और वाइड गेंद नहीं करना चाहते। मुझे लगता है कि हमने नई और पुरानी गेंद से लगातार ऐसा किया।

इसके साथ ही धौनी को अच्छी साझेदारी नहीं हो पाने का मलाल है क्योंकि भारत ने गलत समय पर विकेट गंवाए। भारतीय कप्तान ने कहा कि शीर्ष पर हमें संघर्ष करना पड़ा। पिछले मैच में हमने कुछ अच्छी शुरुआत की थी लेकिन इस मैच में हमें सिर्फ संघर्ष करना पड़ा। दस ओवर तक हम कुछ विकेट गंवा देते हैं। हमें अच्छी साझेदारियां करनी होंगी, हमने पारी के अंत में अच्छी साझेदारी की लेकिन हमने गलत समय पर विकेट गंवाए, जिसका मतलब है कि हमने मध्यक्रम पर दबाव बना दिया और इससे आपको हताशा होती हैं क्योंकि आप प्रतिस्पर्धी स्कोर से 15 से 20 अतिरिक्त रन कम बनाते हो।