सीरिया पर एक साथ US-फ्रांस-UK ने दागी मिसाइलें, असद सरकार ने भी लॉन्च किया ऑपरेशन
सीरिया के पूर्वी गोता के डौमा में हाल में कथित रूप से सीरिया द्वारा रसायनिक हथियारों के इस्तेमाल को लेकर अमेरिका ने पहले ही असद सरकार को चेतावनी दी थी.
पेंटागन के मुताबिक, ये हवाई हमले सीरिया के रासायनिक हथियारों के तीन भंडारगृहों को निशाना बनाकर किए गए. इसमें दमिश्क के पास वैज्ञानिक शोध अनुसंधान इकाई शामिल है, जहां रासायनिक हथियारों का कथित तौर पर उत्पादन होता है. होम्स के पास रासायनिक हथियार भंडारण इकाई और होम्स शहर के अहम सैन्य ठिकाने, जहां रासायनिक हथियारों से जुड़ी सामग्री रखी जाती है.
सीरियन ऑब्जर्वेटरी के मुताबिक, जिन-जिन स्थानों को निशाना बनाकर हमले किए गए, उनमें सीरियाई सेना की 4वीं टुकड़ी और रिपब्लिकन गार्ड भी शामिल हैं. अमेरिकी रक्षा अधिकारियों के मुताबिक, इस हमले में शामिल अमेरिकी विमानों में बी-1बमवर्षक और जहाज हैं.ई धमाकों की आवाज के साथ उठे. न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, पूरा शहर और पहाड़ी क्षेत्र सैन्य इकाइयों से घिरे हुए हैं. सीरिया के सरकारी टेलीविजन के मुताबिक, देश की वायुसेना इस अमेरिकी हमले का मुस्तैदी से जवाब दे रही हैं. इस दौरान मिसाइलें दागे जाने के वीडियो भी दिखाए जाने लगे. सीरिया के वायु रक्षा ने दक्षिणी दमिश्क की ओर आ रहे 13 रॉकेटों को हवा में ही नाकाम कर दिया.
सीरिया मुद्दे पर मिलकर काम करने पर सहमत हुए ब्रिटेन और फ्रांस
ब्रितानी प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों से बीते 13 अप्रैल को बात की और सीरिया के कथित रासायनिक हमले के जवाब में फ्रांस के साथ मिलकर काम करने पर सहमति जतायी. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय ने यह जानकारी दी. डाउनिंग स्ट्रीट के प्रवक्ता ने बताया, ‘‘सीरिया के डौमा में हुए रसायनिक हमले को लेकर प्रधानमंत्री (टेरीजा मे) ने फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों से बात की.’’ उन्होंने बताया, ‘‘इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया में दोनों नेता मिलकर काम करने पर सहमत हुए.’’
अमेरिका ने कहा है कि उसने यह साबित किया है कि सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद के शासन ने विद्रोहियों के कब्जे वाले डौमा में सात अप्रैल को यह कथित हमला किया था. संयुक्त राष्ट्र में फ्रांस के राजदूत फ्रैंकोइस देलात्रे ने कहा कि आम नागरिकों पर एक बार फिर प्रतिबंधित रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल का चयन कर असद शासन अब ऐसे बिंदु पर पहुंच गया है जहां से वापसी की गुंजाइश नहीं है.
सीरिया में रूसी सैन्य ठिकानों के पास दिखे थे अमेरिकी सैन्य विमान
सात अमेरिकी सैन्य विमान सीरिया के तट के निकट निगरानी मिशन पर देखे गए जहां रूस के हेएमिम एयरबेस और टारटस नौसैनिक बेस स्थित हैं. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, यह जानकारी रूस के सैन्य उड़ान निगरानी केंद्र ने शुक्रवार (13 अप्रैल) को ट्वीट कर दी. इसमें कहा गया है, “छह अमेरिकी नौसैनिक पी-8ए पोसेडन गश्ती विमान इटली के सिसिलिया द्वीप और ईपी-3ई एरीस द्वितीय निगरानी विमान ग्रीस के क्रेट द्वीप से रवाना हुआ था.”
सीरिया पर अमेरिकी सैन्य कार्रवाई को लेकर रूसी राजदूत ने दी थी चेतावनी
संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वैसिली नेबेनजिया ने अमेरिका को सीरिया पर सैन्य कार्रवाई करने को लेकर चेतावनी दी है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, “हमें उम्मीद है कि वापसी का कोई मतलब नहीं होगा कि अमेरिका और सहयोगी एक संप्रभु देश के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने से दूर रहेंगे.” उन्होंने कहा, “हालात और बढ़ते खतरे के बारे में हम बहुत चिंतित हैं.”
बोलीविया के अनुरोध पर सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने गुप्त रूप से विचार-विमर्श किया था. नेबेनजिया ने कहा कि फिलहाल सुरक्षा परिषद की प्राथमिकता संभावित युद्ध के खतरे को टालना है. यह पूछे जाने पर कि क्या सीरिया पर हमला होने पर युद्ध अमेरिका और रूस के बीच में होगा तो नेबेनजिया ने कहा, “दुर्भाग्य से हम किसी संभावना से इनकार नहीं कर सकते, क्योंकि हमने वाशिंगटन से आए संदेशों को देखा था, जो झगड़ा बढ़ाने वाले थे. वे जानते हैं कि हम वहां (सीरिया में) हैं.”
अमेरिका की हमला करने की धमकियों से नहीं डरते : सीरिया
सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद की राजनीतिक एवं मीडिया सलाहकार बौथेना शाबन ने बीते 11 अप्रैल को कहा था कि उनका देश अमेरिका की हमला करने की धमकियों से नहीं डरता. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, शाबन ने एक स्थानीय टेलीविजन को दिए साक्षात्कार में कहा था कि अमेरिका की सीरिया पर हमला करने की धमकियां असल में और दबाव बनाने का हथकंडा है.