वित्तीय संकट से गुजर रही जेट एयरवेज
मुंबई. वित्तीय संकट से गुजर रही जेट एयरवेज के लिए बैंक 1,000 करोड़ रुपए की मदद का प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं। लेकिन एयरलाइन पर देनदारी 25,000 करोड़ रुपए के आसपास पहुंच गई है। इसलिए इंडस्ट्री सूत्रों का कहना है कि बिजनेस में बने रहने के लिए जेट को कम से कम 10,000 करोड़ रुपए की जरूरत है।
1000 रुपए से सैलरी, कैंसिलेशन रिफंड भी संभव नहीं
- पिछले कुछ समय में जेट एयरवेज का मार्केट शेयर गिरा है। दूसरे नंबर से फिसलकर फरवरी में यह चौथे नंबर पर आ गई। इसके पायलट और अन्य क्रू मेंबर दूसरी विमानन कंपनियों से संपर्क कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार 1,000 करोड़ रुपए से तो सैलरी और कैंसिल हुए टिकट की राशि वापस करना भी संभव नहीं होगा।
- इंडस्ट्री की प्रतिक्रिया ऐसे समय में आ रही है जब सरकार के अधिकारी खुद इस मामले को देख रहे हैं। अगर जेट एयरवेज दिवालिया होती है तो 16,500 लोगों की नौकरी जा सकती है। सरकार लोकसभा चुनाव को देखते हुए ऐसा नहीं चाहती है। इससे सरकार की साख को नुकसान हो सकता है।
- सूत्रों के मुताबिक सरकार ने बैंकों को निर्देश दिए कि वे जेट एयरवेज को बचाने के लिए हर संभव कोशिश करें। बैंकों ने संकेत दिया है कि जेट के मैनेजमेंट में बदलाव होने पर वे ऐसा कर सकते हैं।
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जेट ने 13 अंतरराष्ट्रीय रूट पर रद्द कीं उड़ानें
दो-तिहाई विमान खड़े होने के कारण जेट ने 13 अंतरराष्ट्रीय रूट पर उड़ानें रद्द कर दी हैं। एयरलाइन ने एक बयान में कहा कि ये उड़ान अप्रैल तक के लिए रद्द किए गए हैं। इनमें पुणे से सिंगापुर और अबू धाबी, दिल्ली से अबू धाबी, दम्मम, ढाका, हांग कांग और रियाद भी शामिल हैं। यह मुंबई-मैनचेस्टर रूट पर भी उड़ान बंद कर चुकी है।
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लीज पर और विमान लेने की कोशिश में स्पाइसजेट
इथियोपिया में हुए हादसे के बाद दुनियाभर में बोइंग 737 मैक्स-8 विमान खड़े कर दिए गए हैं। भारतीय एयरलाइन स्पाइसजेट के भी 12 ऐसे विमान खड़े किए गए। इस वजह से इसे विमानों की जरूरत महसूस हो रही है। वह इसके लिए लीज पर विमान देने वाली कंपनियों से बातचीत कर रही है।