वाराणसी। केंद्र सरकार की ओर से काशी की विरासत को सहेजने के लिए 80 करोड़ रुपये के बजट की मंजूरी दे दी गई है। यह धनराशि विरासत शहर विकास और उन्नति योजना (हृदय) के तहत पहले चरण के कार्यो के लिए दी गई है।इस योजना को पूरी तरह केंद्र सरकार के बजट से अंजाम तक पहुंचाया जाएगा। इसमें राज्य सरकार या स्थानीय निकाय को किसी भी तरह का खर्च वहन नहीं करना पड़ेगा। हृदय योजना के तहत सिर्फ काशी के हेरिटेज पर फोकस किया जाएगा।केंद्रीय शहरी विकास मंत्रलय के संयुक्त सचिव प्रवीण प्रकाश मंगलवार को दो दिवसीय दौरे पर बनारस पहुंचे। मीडिया से बातचीत में उन्होंने हृदय के तहत पहले चरण में मिले बजट के बारे में बताया। कहा, इस योजना के तहत उन सात शहरों को चयनित किया गया है जो पूरे देश के लिए महत्व रखते हैं।

काशी राष्ट्रीय महत्व वाले शहरों में से एक है। अब प्रोजेक्ट रिपोर्ट के आधार पर मिले 80 करोड़ से काम शुरू किया जाएगा। हृदय के तहत काशी को करीब 200 करोड़ रुपये से अधिक का बजट केंद्र सरकार की ओर से मिलने वाला है। संयुक्त सचिव ने बताया कि इस बजट का करीब आठ-नौ फीसद हिस्सा स्थानीय निकाय को सशक्त करने या संरक्षित की जाने वाली धरोहरों की देखभाल के लिए खर्च किया जाएगा। बनारस की मूलभूत समस्या की ओर इंगित करते हुए उन्होंने कहा कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का काम अभी तक यहां शुरू न हो पाना चिंताजनक है।

इसके अलावा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के अधूरा रहने से भी दिक्कत है। अब इन्हीं कामों में तेजी लानी है। संयुक्त सचिव ने शाम को गंगा घाटों सहित बीएचयू के नवनिर्मित ट्रामा सेंटर का निरीक्षण कर स्थानीय अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए।