नई दिल्ली। यमुना में कचरा फेंकना अब जेब पर भारी पड़ेगा। नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने मंगलवार को यमुना नदी को गंदा करने वालों पर भारी जुर्माना लगाने का आदेश दिया। यमुना नदी में पूजा सामग्री फेंकने पर 5 हजार रुपये और भवन निर्माण का कचरा फेंकने पर 50 हजार रुपये जुर्माना लगेगा। ट्रिब्यूनल ने इस आदेश को अमल में लाने के लिए दिल्ली सरकार को दो हफ्ते का समय दिया। इसके अलावा ट्रिब्यूनल ने गंदे नालों को यमुना में गिरने से रोकने और नदी तट पर अवैध निर्माण को रोकने का भी निर्देश दिया। दिसंबर 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी के विशेषज्ञों से यमुना की सफाई को लेकर मदद मांगी थी। यमुना की सफाई पर पिछले 20 साल में करीब 5000 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।

1994 में सुप्रीम कोर्ट की ओर से यमुना की सफाई पर नजऱ रखना शुरू करने के बाद से यूपी ने नदी की सफाई पर 2052 करोड़ रुपये, दिल्ली सरकार और उसकी एजेंसियों ने 2387 करोड़ रुपये और हरियाणा सरकार ने 549 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। 2013 में सुप्रीम कोर्ट को बताया गया था कि अभी भी 240 करोड़ लीटर कचरा नदी में प्रवाहित होता है।