आईसीसी ने पहले वनडे मैच के दौरान भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और बांग्लादेश के तेज गेंदबाज मुस्तफिजुर रहमान द्वारा आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी पाते हुए दोनों पर मैच फीस का क्रमश: 75 तथा 50 फीसदी जुर्माना लगाया। खबरों की मानें तो आईसीसी रेफरी सिर्फ धोनी को ही दोषी मान रहे थे और उन्हें तीन ऑप्शन दिए थे। मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ का पहला ऑप्शन था, आरोप को स्वीकार करो और दंड भुगतो। दूसरा, आरोप को स्वीकार करके कम से कम दंड की अपील करो और तीसरा, दोनों (धोनी और मुस्तफिजुर) दंड भुगतो। भारतीय कप्तान ने उप कप्तान विराट कोहली, टीम डायरेक्टर रवि शास्त्री और मैनेजर विश्वरूप डे से मीटिंग के बाद तीसरा ऑप्शन स्वीकार कर लिया। सूत्रों की मानें तो आईसीसी द्वारा सिर्फ धोनी को दोषी करार दिए जाने पर बीसीसीआई कप्तान के पक्ष में अपील करती।
क्या था पूरा मामला
भारतीय पारी के 25वें ओवर में धोनी एक रन लेते समय अपना पदार्पण मैच खेल रहे और ‘मैन ऑफ द मैच’ मुस्तफिजुर से गेंदबाजी छोर पर टकरा गए। इस टक्कर में मुस्तफिजुर को चोट लगी और इलाज के लिए उन्हें ओवर बीच में छोड़ मैदान से बाहर जाना पड़ा। इस बीच फील्ड अंपायरों ने भी हस्ताक्षेप किया और दोनों खिलाड़ियों से बात की। दरअसल, मुस्तफिजुर गेंदबाजी के बाद भारतीय बल्लेबाजों के रन लेने के रास्ते में कई बार आए और इसे लेकर अंपायर ने उन्हें हिदायत भी दी। धोनी से पूर्व मुस्तफिजुर मैच में रोहित शर्मा से भी एक बार टकरा चुके थे, जिसे लेकर भारतीय बल्लेबाज ने अपनी नाराजगी जताई थी। बांग्लादेश ने यह मैच 79 रनों से जीता।
ये हुआ सुनवाई में
आईसीसी के अनुसार, “दोनों खिलाड़ियों ने शुरू में आरोप नहीं माना, जिसके बाद मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ द्वारा सुनवाई की जरूरत पड़ी। सुनवाई के दौरान टेलीविजन रिप्ले का सहारा लिया गया। साथ ही अंपायरों, दोनों टीमों के प्रबंधक और दोनों खिलाड़ी भी सुनवाई में मौजूद रहे।” मैच रेफरी के अनुसार सुनवाई के दौरान धोनी ने अपने बचाव में कहा कि गेंदबाज गलत जगह पर खड़ा था और उन्हें लगा कि दौड़ने के दौरान वह उससे टकरा जाएंगे। इसलिए उन्होंने अपने हाथों से गेंदबाज को दूर करने की कोशिश की।
मैच रेफरी का बयान, मुस्तफिजुर ने मानी गलती
मैच रेफरी ने सुनवाई के बाद कहा, “मेरी नजर में धोनी ने जानबूझकर मुस्तफिजुर को धक्का दिया जो कि सही नहीं था। अगर उनके और रन दौड़ रहे सुरेश रैना के बीच बहुत कम अंतर था तो भी धोनी इतने अनुभवी हैं कि वे इस स्थिति को टाल सकते थे।” वहीं, शुरू में अपनी गलती नहीं मान रहे मुस्तफिजुर ने सुनवाई में सवाल पूछे जाने पर अपनी गलती मान ली और मिली सजा को स्वीकार कर लिया।