नईदिल्ली। मप्र में मंत्रिमंडल के बदलाव और विस्तार की अटकलें क्या लगनी शुरु, प्रदेश के मंत्रियों का दिल्ली दौरा बढ़ सा गया है। पिछले दो महीने में मप्र का शायद ही ऐसा कोई मंत्री बचा हो, जिसने दिल्ली में दस्तक न दी हो। इस दौरान मंत्रियों ने अपना ज्यादातर समय पार्टी पदाधिकारियों से मेल-मुलाकात में ही बिताया। कुछ मंत्रियों ने तो इन दो महीनों में दिल्ली के कई चक्कर लगाए है।

खासबात यह है कि मंत्रियों के इस दौरान जो भी दिल्ली दौरे हुए, वह कहने के लिए तो सरकारी थे, लेकिन इसके पीछे मंत्रियों का उद्देश्य दिल्ली में अपनी गोटियां बैठाना ज्यादा था। ताकि उनकी मंत्रिमंडल में जगह बनी रहे। साथ ही प्रोमोशन भी मिल सके।

पार्टी के जुड़े उच्चपदस्थ सूत्रों की मानें तो प्रदेश मंत्रिमंडल के करीब दर्जनभर ऐसे मंत्री है, खुद को मिले विभागों से संतुष्ट नहीं है। ऐसे में उनकी कोशिश है, यदि बदलाव होता है, तो उन्हें पसंद के विभागों में प्रमोट कर दिया जाए। इस दौड़ में फिलहाल जो सबसे आगे है, उनमें नरोत्तम मिश्रा, भूपेन्द्र सिंह और राजेंद्र शुक्ल के नाम सबसे आगे है।

नरोत्तम और राजेन्द्र शुक्ल ने सबसे ज्यादा लगाए चक्कर

मप्र भवन से जुडे सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल में बदलाव और विस्तार की अटकलों के बीच सबसे ज्यादा दिल्ली के दौरा जिन मंत्रियों ने किया है,उनमें नरोत्तम मिश्रा, राजेन्द्र शुक्ल और भूपेन्द्र सिंह सबसे आगे है। इसके अलावा जिन मंत्रियों के विभागों को बदले जाने की चर्चाएं थी, वह दिल्ली पहुंचे। इनमें बाबूलाल गौर भी शामिल है। जिन्होने संसद सत्र के दौरान कई दिनों तक दिल्ली में आला नेताओं के साथ मेलमुलाकात में बिताए। इसके अलावा सरताज सिंह, गोपाल भार्गव आदि नाम भी है, जिन्होंने इस दो महीनें में दिल्ली दौरे किए है।

मंत्री की दौड़ में शामिल विधायक भी दिल्ली पहुंचे

इस सब के अलावा मंत्रिमंडल की दौड़ में शामिल मप्र के विधायकों ने भी इन दो महीनों में दिल्ली की दौड़ लगाई है। इनमें जयभान सिंह पवैया, अर्चना चिटनिस आदि नाम प्रमुख है। सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल विस्तार में पांच से सात नए लोगों को मंत्री बनाया जा सकता है।