पीएनबी ने ग्राहकों से एक साल में 151 करोड़ की पेनल्टी वसूली, मिनिमम बैलेंस नहीं रखने वाले खाताधारकों पर जुर्माना
आखिरी तिमाही में सबसे ज्यादा 52.97 लाख रुपए काटे
– न्यूनतम राशि नहीं रखने पर ग्रामीण इलाकों के खाताधारकों पर 100 रुपए पेनल्टी लगाई जाती है
– शहरी खाताधारकों के लिए जुर्माने की राशि 200-250 रुपए है
नई दिल्ली. पंजाब नेशनल बैंक ने पिछले वित्त वर्ष (2017-18) में अपने ग्राहकों से 151.66 करोड़ रुपए की पेनल्टी वसूली। मिनिमम बैलेंस नहीं रखने वाले 1.23 करोड़ बचत खाताधारकों से बैंक ने ये राशि ली। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में बैंक ने ये आंकड़े दिए। बैंक ने वित्त वर्ष 2018 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 31.99 करोड़, दूसरी तिमाही में 29.43 करोड़, तीसरे क्वार्टर में 37.27 करोड़ और आखिरी तीन महीनों (जनवरी-मार्च) में 52.97 लाख रुपए जुर्माना लिया।
100-250 रुपए तक जुर्माना लगाता है बैंक : पीएनबी तिमाही आधार पर औसत न्यूनतम राशि की गणना करता है। हर दिन क्लोजिंग पर खाते में न्यूनतम राशि होनी चाहिए। ग्रामीण इलाकों में बचत खाते पर न्यूनमत बैलेंस राशि 1,000 रुपए है, जो पहले 500 रुपए थी। शहरी इलाकों में बचत खाताधारकों को कम से कम 2,000 रुपए रखने होते हैं। पहले ये लिमिट 1,000 रुपए थी। अगर ग्राहक मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं करते और राशि 500 या उससे नीचे रहती है तो बैंक तीन महीने की गणना के आधार पर वसूली करता है। न्यूनतम राशि नहीं रखने पर ग्रामीण इलाकों के खाताधारकों पर 100 रुपए और शहरी खाताधारकों पर 200-250 रुपए पेनल्टी लगाई जाती है।
बचत खाता क्षेत्र | न्यूनतम बैलेंस नहीं रखने पर पेनल्टी |
ग्रामीण | 100 रुपए |
उप-शहरी | 150 रुपए |
शहरी | 200 रुपए |
मेट्रो | 250 रुपए |
अर्थशास्त्री जयंतीलाल भंडारी ने इस व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि एक तरफ सरकार ज्यादा से ज्यादा लोगों को बैंकिंग से जोड़ने की मुहिम चला रही है, दूसरी ओर सरकारी बैंक न्यूनतम राशि नहीं रखने पर जुर्माना वसूल रहे हैं। उन्होंने गरीब और मध्यमवर्ग के बचत खाताधारकों के हित में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) से अपील की है कि बैंकों की जुर्माना राशि पर फिर से विचार किया जाए।