इस्‍लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के परिवार के खिलाफ हाई प्रोफाइल पनामा भ्रष्टाचार मामले की जांच कर रही संयुक्त जांच टीम (जेआईटी) ने प्रधानमंत्री और पंजाब के मुख्यमंत्री को सम्मन भेजा है. शरीफ को गुरुवार को जेआईटी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है. सूत्रों ने बताया कि जेआईटी ने 65 वर्षीय शहबाज शरीफ को 17 जून को बयान दर्ज कराने और छह सदस्यीय दल के सवालों का जवाब देने के लिए सम्मन भेजा है.

हुसैन से पांच बार पूछताछ की गई
उच्चतम न्यायालय ने लंदन में शरीफ परिवार की संपत्ति के बारे में जांच करने के लिए गत महीने जेआईटी का गठन किया था. जेआईटी ने परिवार के कथित अनुचित कारोबारी लेनदेन को लेकर पिछले महीने शरीफ के बेटों हुसैन और हसन से पूछताछ की थी. उनके बड़े बेटे हुसैन से पांच बार पूछताछ की गई जबकि छोटे बेटे हसन को दो बार सम्मन भेजा.

60 दिन में जांच पूरी करेगी जेआईटी
न्यायालय ने गत वर्ष इस मामले पर सुनवाई शुरू की थी. 1990 में शरीफ के प्रधानमंत्री रहते हुए धन शोधन के कथित आरोपों पर खंडित फैसला दिया था. जेआईटी को 60 दिनों में जांच पूरी करनी है. यह पहली बार है कि एक मौजूदा प्रधानमंत्री उच्च स्तरीय जांच टीम के समक्ष पेश होंगे जिसका गठन आमतौर पर हाई प्रोफाइल आपराधिक मामलों की जांच करने के लिए किया जाता है.

जेआईटी ने आरोप लगाया कि सरकार उसकी जांच बाधित करने के लिए सरकारी तंत्र का इस्तेमाल कर रही है. उसने कानून मंत्रालय, फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू र्एफबीआरी और खुफिया ब्यूरो र्अाईबी समेत पांच सरकारी विभागों के नाम बताए हैं जो जेआईटी के काम को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं. उच्चतम न्यायलाय ने सरकार को विभागों के खिलाफ आरोपों पर जवाब देने के लिए कहा है.