नेत्रहीन को नहीं मिल पाया प्रवेश
मंदसौर। रविवार को व्यापमं द्वारा आयोजित चतुर्थ वर्ग भर्ती परीक्षा में जहां पढ़े-लिखों की भीड़ उमड़ी। वहीं एक नेत्रहीन समय के थोड़े से अंतर से परीक्षा में शामिल होने से ही वंचित रह गया। परीक्षा के जटिल नियमों का शिकार होकर उसे दो बार उत्तर लिखने वाले सहायक को खोजना पड़ा। परीक्षार्थी का कहना था कि वह ठीक 10.15 बजे केंद्र पर पहुंच गया था। पर केंद्राध्यक्ष ने बताया कि 10.30 बजने के कारण उसे प्रवेश नहीं दिया गया।
व्यापमं द्वारा आयोजित परीक्षा में शहर के बालागंज क्षेत्र का निवासी नेत्रहीन जितेंद्र व्यास भी अपना भाग्य आजमाने की ईच्छा रख रहा था, पर वह परीक्षा के दो जटिल नियमों का शिकार हो गया है। नेत्रहीन होने के कारण उसे उत्तर लिखने के सहायक की अनुमति थी। रविवार को वह ठीक समय पर परीक्षा केंद्र राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय पहुंच गया। उत्तर लिखने के लिए वह अपने साथ सुरेश बाबानी को लेकर गया था, पर व्यापमं के नियम अनुसार उत्तर लिखने वाला सहायक 2015 में ही कक्षा 8 उत्तीर्ण होना चाहिए था। जितेंद्र के साथ पहुंचे सुरेश ने पांच साल पहले 8वीं पास की थी। इस पर जितेंद्र दूसरा सहायक खोजने में जुट गया। जितेंद्र के अनुसार दूसरे सहायक को लेकर भी वह ठीक 10.15 बजे अंदर चले गए थे, लेकिन केंद्राध्यक्ष डॉ. जीसी खिमेसरा ने अंदर जाने की अनुमति ही नहीं दी।
एक नियम पालन के चक्कर
में दूसरा आड़े आ गया
नेत्रहीन जितेंद्र व्यास ने 2015 में ही कक्षा 8वीं पास करने वाले सहायक के नियम पालन करने की कोशिश की। तो सुबह 10.15 बजे के बाद परीक्षा कक्ष में प्रवेश नहीं देने का नियम आड़े आ गया। काफी देर बहस के बाद वह निराश होकर लौट आया।
दूसरे सहायक लाने में हुई देर
– आंखों से देख नहीं सकता इसलिए लेखन सहायक सुरेश बाबानी के साथ परीक्षा केंद्र पहुंचा था। वहां बताया कि नियमानुसार लेखन सहायक 2015 में ही 8वीं पास होना चाहिए। सुरेश ने पांच साल पहले 8वीं पास की थी। दूसरा लेखन सहायक लाने में समय लग गया। इसके बाद भी मैं 10.15 बजे परीक्षा केंद्र पहुंच गया था। लेकिन अधिकारियों ने प्रवेश नहीं दिया।
– जितेंद्र व्यास, नेत्रहीन परीक्षार्थी
इसलिए नहीं दिया प्रवेश
– जितेंद्र सुबह 10.30 बजे महाविद्यालय पहुंचा था और परीक्षा के नियमों के अनुसार 10.15 मिनट बाद प्रवेश नहीं दिया जा सकता था। इसीलिए प्रवेश नहीं दिया।