जिपं के एपीओ की मृत्यु, गमगीन हुए कर्मचारी
मंदसौर। जिला पंचायत में सहायक परियोजना अधिकारी अनिल तिवारी की मंगलवार सुबह आकस्मिक मृत्यु होने से माहौल गमगीन हो गया। वे सुबह बालागंज क्षेत्र में स्थित अपने घर में अचेत अवस्था में मिले थे। जिला अस्पताल में चिकित्सकों ने उनका परीक्षण कर मृत घोषित कर दिया। मौत का कारण हृदयाघात या शुगर का लेवल बढ़ना बताया जा रहा है। दोपहर बाद इंदौर से उनकी पत्नी व पुत्र शहर आ गए।
मंगलवार सुबह 10.30 सफाई कार्य करने वाला कर्मचारी एपीओ अनिल तिवारी के बालागंज क्षेत्र में पुनारी सुभात स्थित शासकीय आवास पर पहुंचा था तो वह बाथरुम में बेहोश मिले थे। उन्हें तुरंत जिला अस्पताल लाया गया। जहां चिकित्सकों ने परीक्षण कर मृत घोषित कर दिया। जानकारी मिलते ही जिपं सीईओ रानी बाटड़ सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी जिला अस्पताल पहुंचे। मृदुभाषी व खुशमजिजाज होने से जिपं के सभी अधिकारी-कर्मचारी गमगीन हो गए। दोपहर में इंदौर से उनकी धर्मपत्नी और बेटा मंदसौर पहुंचे। अनिल तिवारी के दोनों बेटे निजी कंपनी में इंजीनियर है। श्री तिवारी मूलतः छिंदवाड़ा के रहने वाले थे। परिवार इंदौर में ही रहता है।
सुबह आकर उठा देना मुझे
सोमवार रात में अनिल तिवारी ने सफाईकर्मी को सुबह उठाने की बात कहीं थी। मंगलवार सुबह 9 बजे श्री तिवारी शेविंग कर रहे थे तब सफाईकर्मी बाद में सफाई करने आने की बात कहकर चला गया। वापस जब सुबह 10.30 बजे उनके घर पहुंचा तो बाथरुम में बेहोश पड़े थे। बाद में एंबुलेंस से उन्हें जिला अस्पताल लाया गया।
ग्रामीण विकास विभाग के पितामह कहते थे उन्हें
स्व. तिवारी तिलहन संघ में उज्जैन, इंदौर सहित अन्य जगह सहायक प्रबंधक के रुप में कार्य कर चुके थे। 2003 में मंदसौर जिपं में आने के बाद से वह सभी जपं में प्रभारी सीईओ रह चुके थे अनुभव होने से कर्मचारियों के अलावा अधिकारी भी कई मामलों में उनकी सलाह लेते थे। कर्मचारी तो ग्रामीण विकास विभाग के पितामह कहते थे।
तीन माह पहले हुई विशाल की मौत
31 मार्च को जिपं में ही कम्प्यूटर ऑपरेटर 28 वर्षीय विशाल विजयवर्गीय की भी मौत इसी तरह से हुई थी। बाथरुम में चक्कर आने के बाद बेहोशी की हालत में जिला अस्पताल लाया गया। यहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
अब सिर्फ यादें
जब सब कुछ संभाल लिया था श्री तिवारी ने
समग्र स्वच्छता अभियान के प्रभारी प्रकाश गिरासे ने श्री तिवारी से जुड़ा वाकिया बताते हुए कहा कि 2006-07 में स्वच्छता अभियान से संबंधित कार्यक्रम भानपुरा जपं के ग्राम बाबुल्दा में रखा था। संभागायुक्त जयदीप गोविंद, सांसद और विधायक सहित जनप्रतिनिधि और अन्य अधिकारी कर्मचारी के अलावा अनुमान से अधिक लोग कार्यक्रम में आने से गिरासे के चेहरे पर चिंता की लकीरे छा रही थी। तब भानपुरा जपं के प्रभारी सीईओ अनिल तिवारी ने गिरासे से कहा कि मैं सब संभाल लूंगा। उन्होंने मंच संचालन से लेकर सभी व्यवस्था बखूबी संभाली और कार्यक्रम सफल रहा। 2006-07 मैं गिरासे पदस्थ हुए ही थे और अनुभव की कमी थी।
नहीं हो सकती भरपाई
वाटर शेड के परियोजना अधिकारी मनोज मकवाना ने बताया कि श्री तिवारी हंसमुख स्वभाव के व्यक्ति थे। काम का कभी तनाव उनके चेहरे पर नहीं दिखाई दिया। हर कर्मचारी को उनके अनुभव का लाभ मिलता था। उनके निधन से हुई क्षति की भरपाई नहीं की जा सकती।