जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के साथ मुठभेड़, कर्नल शहीद
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती जिले कुपवाड़ा में सुरक्षा बलों पर आतंकवादियों के हमले में 41 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष महादिक शहीद हो गए। कर्नल महादिक ने सफलतापूर्वक कई आतंकवादी रोधी अभियानों की अगुवाई की थी। उन्हें अभियान के दौरान बेजोड़ नेतृत्व क्षमता एवं साहस से काम लेने के लिए सेना मेडल से नवाजा जा चुका है। कुपवाड़ा में छुपे आतंकवादियों की धरपकड़ के लिए सेना और पुलिस ने पिछले 10 दिनों से संयुक्त अभियान चलाया हुआ है।रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल एन एन जोशी ने बताया कि कुपवाड़ा में हैहामा के मनीगाह इलाके के सभय बेनक जंगलों में आतंकवादियों के छुपे होने की सूचना मिली थी , जिसके बाद सेना और पुलिस का संयुक्त अभियान शुरू किया गया। पास के शिविरों से सेना के अतिरिक्त जवान भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने घेराबंदी शुरू कर दी। सुरक्षा बल जब जंगल में एक विशेष स्थान की ओर बढ रहे थे , तभी जंगल में छुपे आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू कर दी। इसके बाद दोनों पक्षों के बाद मुठभेड़ हुई। इस हमले में कमांडिंग ऑफिसर घायल हो गए। आतंकवादियों के हमले के बाद दोनों पक्षों के बीच हुई मुठभेड़ में जम्मू कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान दस्ते का एक सदस्य भी घायल हुआ।
घायल वरिष्ठ सैन्य अधिकारी को सेना के अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। उत्तरी कमान के सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डी एस हुड्डा ने कर्नल महादिक की मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने शोक संदेश में कहा कि हम कर्नल संतोष जैसे अधिकारियों के प्रति कृतज्ञ हैं जो मोर्चा संभालते हैं और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में जान की कीमत चुकाने के लिए तैयार रहते हैं। सेना उनके परिवार को पूरी मदद देने के लिए तैयार है। कर्नल महादिक के परिवार में उनकी पत्नी और 11 साल तथा पांच साल के दो बच्चे हैं। लेफ्टिनेंट कर्नल जोशी ने बताया कि आतंकवादियों की धरपकड़ के लिए अभियान अब भी जारी है।