अलीगढ़। मशहूर अभिनेता सईद जाफरी का अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) से गहरा नाता रहा है। उन्होंने यूनिवर्सिटी के मिंटो सर्किल स्कूल में पढ़ाई तो की ही, मिंटो ड्रामा क्लब से जुड़कर मिमिक्री भी सीखी। छात्र जीवन में उन्होंने औरंगजेब, दाराशिकोह व अन्य मुगल बादशाहों की भूमिका भी निभाई। सईद जाफरी ने अपनी आत्मकथा में खुद इसका जिक्र किया है।  सईद जाफरी एएमयू में किस कक्षा में पढ़े, इसका तो किसी को पता नहीं है। लेकिन, उन्होंने यहां नौ साल की उम्र में दाखिला लिया। आत्मकथा में उन्होंने पूर्व कुलपति रास मसूद के कार्यकाल का जिक्र किया है। रास मसूद 1934-35 के दौर में एएमयू के कुलपति रहे थे, जो एएमयू संस्थापक सर सैयद अहमद खां के पोते थे।  सईद जाफरी के पिता डॉ. हामिद हुसैन जिला अस्पताल में चिकित्सक थे। उनका परिवार मैरिस रोड पर रहता था। मूलरूप से हरियाणा के रहने वाले सईद जाफरी अलीगढ़ में चार-पांच साल ही रहे। इसके बाद इलाहाबाद चले गए। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से इतिहास में एमए किया।  एएमयू पीआरओ डॉ. राहत अबरार के अनुसार सईद जाफरी को शायरी व भारतीय शास्त्रीय संगीत से बेहद लगाव था। उन्होंने अपनी आत्मकथा में अपने शिक्षकों का भी जिक्र किया है। लिखा है कि उन्हें अंग्रेजी अहसान पढ़ाते थे, गणित असलम। एएमयू फिल्म क्लब के पूर्व सचिव उमेर ने भी उनके निधन पर गहरा शोक जताया है। कहा है, फिल्मी दुनिया ने अच्छा कलाकार खो दिया।