कोयला लदी मालगाड़ी के पहियों से निकलती चिंगारी देख मचा हड़कंप
कोरबा । गेवरा लोडिंग प्वाइंट से कोयला लोडकर निकली एक मालगाड़ी के पहिए बुरी तरह चिंगारियां उगलते दौड़ रहे थे। जाम होने की संभावना पर उरगा रेलवे क्रासिंग के गेटकीपर ने हादसे से बचने तत्काल उरगा के स्टेशन मास्टर को सूचित किया।
मालगाड़ी को स्टेशन पर रुकवाकर जांच की गई और सुधार के बाद रवाना किया गया। रेलवे का कहना है कि पहिए जाम नहीं थे, बल्कि उस स्थान पर चढ़ाव होने के कारण अक्सर ऐसा होता है, जब पहिए व पटरी के बीच रगड़ होने से चिंगारी दिखने लगती है।
गेवरा साइडिंग से कोयला लेकर बिलासपुर की ओर जा रही एक मालगाड़ी को रविवार की दोपहर अचानक उरगा स्टेशन में रोकना पड़ा। कोयला लेकर लोडिंग प्वाइंट से रवाना हुए मालगाड़ी को अभी बमुश्किल डेढ़ घंटे हुए थे, कि उरगा स्टेशन से पहले उरगा-भैसमा मार्ग पर स्थित रेलवे क्रॉसिंग के गेटकीपर श्री वाल्मीकि ने उरगा स्टेशन मास्टर को मालगाड़ी के कुछ पहिओं के पटरी पर घिसटकर चलने से जमकर चिंगारी उठने की सूचना दी।
ऐसी स्थिति में किसी दुर्घटना की आशंका से मालगाड़ी को उरगा स्टेशन पर ही रोक दिया गया। स्टेशन पर मालगाड़ी के उन वैगनों व पहियों का जांच करने पर उसके जाम होने का पता चला। तकनीकी खराबी में सुधार के बाद मालगाड़ी को उसके गंतव्य की ओर रवाना कर दिया गया। मालगाड़ी को उरगा स्टेशन में दोपहर करीब 3.15 बजे रोका गया, जहां जांच व सुधार के बाद मालगाड़ी को रवाना किया गया।
वैगनों में लग सकती थी आग
रेल प्रबंधन का कहना है कि उरगा से पहले फाटक के करीब यह आम बात है, जहां पटरियां कुछ ऊंची होती जाती हैं। चढ़ाव की स्थिति में क्षमता के अनुसार कभी-कभी इंजन या वैगन के पहिए पटरियों में फिसलते हुए घिसटने लगते हैं। कई बार मालगाड़ी को इंजन आगे खींच पाने में नाकाम हो जाते हैं और उसे वहीं रोकना पड़ता है। ऐसी दशा में कोरबा स्टेशन से दूसरे इंजन भेजकर पीछे से धक्का देना पड़ता है और खींच पाने लायक समानांतर स्पॉट पर लाकर उसे रवाना किया जाता है।
रविवार को भी कुछ ऐसी ही स्थिति बनी, जिसके लिए एक अन्य इंजन भेजकर पुश किया गया। रेलवे के सूत्रों का कहना है कि मालगाड़ी के 14 व 15 नंबर वैगन के बीच दोनों वैगनों के दो-दो पहिए ही पटरी पर घिसटकर दौड़ रहे थे। अगर ट्रेन नहीं रुकती तो इसकी वजह से निकल रही चिंगारी से पूरे वैगन में आग लगने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता था।
कोरबा-उरगा के बीच 4 फाटक, देते रहे हरी झंडी
गौर करने वाली बात यह है कि कोरबा स्टेशन से उरगा के बीच कुल चार रेलवे फाटक हैं, जहां गेटकीपरों की नियुक्ति की गई है। इस दौरान उरगा-भैसमा मार्ग स्थिति चौथे रेलवे क्रॉसिंग के फाटक पर तैनात गेटकीपर ने मालगाड़ी में वैगन के पहियों की खराबी पर गौर किया और तत्काल अपने अफसर को सूचित किया। गेटकीपरों की जिम्मेदारी होती है कि ट्रेनों की आवाजाही के दौरान क्रॉसिंग की पटरियां क्लीयर होने, फाटक नियमित बंद होने और सिगनल समेत रेल सुरक्षा के मानकों को पूरा करने वाले विभिन्न संकेतों की पुष्टि कर हरी झंडी दिखाएं।
बावजूद इसके यह मालगाड़ी अपने जाम पहियों के साथ उरगा तक पहुंच गई और इस खराबी पर गौर करते हुए खतरे को नजरअंदाज करते रहे। वे अधिकारियों को सूचना देने की बजाय गेटकीपर हरी झंडी दिखाते रहे।
मालगाड़ी के पहिए जाम नहीं हुए थे, बल्कि उरगा से पहले उस स्पॉट पर ट्रैक के रास्ते में कुछ चढ़ाव पड़ता है। ऐसे में इंजन की क्षमता व रैक को खींचते वक्त अलग-अलग वैगनों में अलग-अलग ताकत लगने से अक्सर पहिए पटरियों पर घिसटने लगते हैं और उसमें चिंगारी दिखती है। उस स्थान पर अक्सर ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है, जिसमें मालगाड़ी रोकनी पड़ती है और दूसरा इंजन भेजकर धक्का देना पड़ता है। रविवार को भी कुछ ऐसी ही स्थिति निर्मित हुई, जिसके कारण उरगा स्टेशन में मालगाड़ी को रोका गया और बाद में दूसरा इंजन बुलाना पड़ा।