नई दिल्ली : मंगलवार का दिन राजधानी दिल्ली के करोलबाग स्थित होटल अर्पित में ठहरे सैलानियों के लिए बेहद अमंगलकारी रहा। जिस वक्त सभी सैलानी और कर्मचारी गहरी नींद में थे, उसी वक्त तड़के करीब साढ़े तीन बजे होटल में लगी भीषण आग ने 17 सैलानियों को जिंदा जला दिया, जबकि कई गंभीर रूप से झुलस गए हैं। जिस वक़्त होटल अर्पित में आग लगी, वहां 100 से अधिक लोग ठहरे हुए थे। इस होटल में करीब 45 कमरे हैं। होटल में उस वक्त तकरीबन 25 कर्मचारी भी सो रहे थे। 17 मृतकों में एक महिला व एक बच्चा भी शामिल है।
जान गंवाने वालों में ज्यादातर केरल व म्यांमार के थे। ये हादसा इतना भयावह था कि जिंदा बचे सैलानी और कर्मचारी पूरी जिंदगी इसे भूल नहीं सकेंगे। घटना की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घटना पर संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही मृतकों के लिए पांच-पांच लाख रुपये मुआवजे का एलान किया है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना पर दुख व्यक्त किया है। हालांकि, ये कोई पहली घटना नहीं है। दिल्ली समेत देश के अन्य राज्यों में पहले भी होटलों में आग लगने की कई बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं।
बावजूद न तो होटलों की मनमानी थमने का नाम लेती है और न ही सिस्टम इनसे नियमों का पालन कराने के लिए गंभीर होता है। ऐसे में हमेशा छोटी-छोटी चूक का खामियाजा बहुत से निर्दोषों को अपनी जान गंवाकर झेलना पड़ता है। मंगलवार को भी होटल अर्पित में पांचवी मंजिल पर आग लगी। आग तेजी से नीचे की मंजिलों पर फैल गई, जिससे लोगों को बाहर निकलने का रास्ता नहीं मिला। फायर ब्रिगेड जब तक मौके पर पहुंचती, आग विकराल रूप धारण कर चुकी थी।