स्विस बैंकों में जमा धन के बारे में पहला बड़ा खुलासा करते हुए सरकार ने शुक्रवार को कहा कि एचएसबीसी की सूची में शामिल भारतीयों के खातों में 4,479  करोड़ रुपये जमा हैं और आयकर विभाग ने इनमें से 79  खाताधारकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है।इसके अलावा कर विभाग तथा प्रवर्तन निदेशालय सहित अन्य एजेंसियां देश के भीतर कुल मिलाकर 14,957.95 करोड़ रुपये की अघोषित संपति से जुड़े मामलों की भी जांच कर रही हैं। जहां तक विदेशों में संदिग्ध काले धन का मामला है,  उक्त खुलासा उन 628  भारतीयों से जुड़ा है जिनके नाम एचएसबीसी की जिनीवा शाखा के खाताधारकों की सूची में सामने आए थे। भारत को यह सूची फ्रांस की सरकार से मिली थी।काले धन के मामलों की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी)  ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी रपट में उक्त खुलासा किया है। इसके अनुसार उक्त सूची में शामिल 289  खातों में कोई शेष राशि नहीं मिली। काले धन पर एसआईटी की दूसरी रिपोर्ट का प्रासंगिक हिस्सा जारी करते हुए एक आधिकारिक बयान में कहा गया है,  628 व्यक्तियों में से 201 या तो प्रवासी हैं  या उनका अता-पता नहीं है। इसके बाद 427 व्यक्तियों के मामले ही कार्रवाई योग्य बचते हैं।
इसके अनुसार इन मामलों से जुड़ी राशि 4,479  करोड़ रुपये है। इसमें से आयकर विभाग ने 300 से अधिक मामलों में 79  इकाइयों के खिलाफ आकलन को अंतिम रूप दे दिया है। बयान में कहा गया है कि इन व्यक्तियों से जुड़े खातों में अघोषित शेष राशि पर 2,926  करोड़ रुपये कर के रूप में लिए गए हैं। इस राशि पर तय ब्याज दर के साथ कर वसूला गया है।
इसके अनुसार, आयकर कानून, 1961  के तहत 46  मामलों में जुर्माना प्रर्किया शुरू की गई है। अब तक इस तरह के तीन मामलों में जुर्माना लगाया गया है। अन्य मामलों में प्रर्किया लंबित है। बयान में हालांकि,  खाताधारकों के नाम का खुलासा नहीं किया गया है। छह मामलों में जानबूझकर कर चोरी के प्रयास का अभियोजन शुरू किया गया है जबकि दस अन्य को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।
इसमें कहा गया है कि अन्य मामलों में,  जरूरी कार्रवाई तेज की जा रही है और आने वाले महीनों में अच्छी-खासी प्रगति अपेक्षित है। इससे पहले वित्तमंत्री अरुण जेटली ने यहां एक कार्य्रकम में कहा कि एचएसबीसी की सूची से जुड़े मामलों में कार्रवाई 31 मार्च 2015 तक पूरी कर ली जाएगी।