मध्य प्रदेश के बैतूल निवासी हेमंत दुबे को आरटीआई के तहत मिली जानकारी बताती है कि केंद्र सरकार ने तेंदुलकर का न केवल मात्र 4 घंटे में 24 साल के सफर का बायोडाटा तैयार कर लिया, बल्कि 24 घंटे के अंदर भारत रत्न देने का फैसला भी कर लिया गया था. दुबे को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से आरटीआई के तहत दी गई जानकारी के अनुसार, 14 नवंबर से शुरू वेस्टइंडीज के खिलाफ सचिन के विदाई टेस्ट के पहले ही दिन पीएमओ ने अपराह्न 1.35 बजे खेल मंत्रालय से तत्काल तेंदुलकर का बायोडाटा मांगा. खेल मंत्रालय ने शाम 5.23 बजे तक पीएमओ को ईमेल के जरिए सचिन के करियर का बायोडाटा भेज भी दिया.

दुबे ने बताया कि बायोडाटा सचिन से नहीं मांगा गया, बल्कि खेल मंत्रालय ने पीएमओ से भेजे गए फॉर्मेट के अनुसार खुद चार घंटे में सचिन का बायोडाटा तैयार किया. अगले ही दिन जरूरी कार्यवाही पूरी कर प्रधानमंत्री ने इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेज दिया. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी प्रधानमंत्री के प्रस्ताव को मंजूरी देने में देर नहीं लगाई, और 16 नवंबर को टेस्ट मैच खत्म होते ही सचिन को भारत रत्न देने की घोषणा कर दी गई.

कैंसर से जूझ रहे बैतूल निवासी हेमंत दुबे ने बताया कि गत 17 जुलाई 2013 को खेल मंत्रालय द्वारा मेजर ध्यानचन्द को भारत रत्न दिए जाने की विधिवत सिफारिश प्रधानमंत्री को भेजी गई थी, परंतु उस सिफारिश को दरकिनार कर दिया गया. खास बात यह है कि भारत रत्न के लिए खेल मंत्रालय ने हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की सिफारिश की थी, लेकिन पीएमओ ने सचिन के नाम को आगे बढ़ाने के लिए ध्यानचंद के नाम पर कोई विचार नहीं किया.