ईरान के साथ परमाणु समझौते में शामिल अन्य पक्ष अमेरिका के प्रतिबंधों का विरोध कर रहे हैं. विरोध करने वाले देश ब्रिटेन, फ्रांस, चीन और रूस हैं. ये देश ईरान परमाणु समझौते को जारी रखना चाहते हैं. संयुक्त राष्ट्र निरीक्षकों का भी मानना है कि ईरान परमाणु समझौते की शर्तों पर कायम है.

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ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध के बीच भारत और ईरान के बीच डॉलर की जगह रुपये और रियाल में द्विपक्षीय कारोबार करने पर समझौता हो सकता है. रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि इस समझौते के तहत भारत को ईरान से कच्चा तेल खरीदने के लिए डॉलर पर निर्भर रहने की मजबूरी नहीं रहेगी. भारत रुपये के माध्यम से ईरान को भुगतान कर कच्चा तेल खरीद सकेगा.

इसके साथ ही इस समझौते के जरिए ईरान से खरीदे जा रहे कुल कच्चे तेल की कीमत का आधा पैसा ही भारत को देना होगा. बाकी आधी रकम के बदले भारत ईरान में अपने उत्पाद का निर्यात कर सकेगा.

ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध लगे एक महीने से अधिक समय हो चुका है. इस प्रतिबंध के चलते दुनिया का कोई भी देश ईरान से ट्रेड नहीं कर सकता है. भारत और चीन ईरान के सबसे बड़े ट्रेडिंग पार्टनर हैं और ईरान पर प्रतिबंध में भारत और चीन समेत कुल 8 देशों को कारोबार बंद करने के लिए 6 महीने की मोहलत मिली है.

गौरतलब है कि हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर प्रतिबंध का ऐलान करते हुए पूरी दुनिया को धमकी देते हुए कहा है कि 4 नवंबर के बाद यदि कोई देश ईरान से कच्चा तेल खरीदता है तो सख्त से सख्त कदम उठाने के लिए तैयार हैं.

ट्रंप ने मई में अमेरिका को 2015 में हुए ईरान परमाणु समझौते से अलग कर लिया था और उस पर फिर से प्रतिबंध लगाए. ट्रंप ने ईरान से तेल आयात करने वाले देशों को 4 नवंबर तक अपना आयात घटाकर शून्य करने के लिए कहा था. साथ ही उन्होंने ऐसा नहीं करने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाने की भी चेतावनी दी थी.

वहीं ईरान के साथ परमाणु समझौते में शामिल अन्य पक्ष अमेरिका के प्रतिबंधों का विरोध कर रहे हैं. विरोध करने वाले देश ब्रिटेन, फ्रांस, चीन और रूस हैं. ये देश ईरान परमाणु समझौते को जारी रखना चाहते हैं. संयुक्त राष्ट्र निरीक्षकों का भी मानना है कि ईरान परमाणु समझौते की शर्तों पर कायम है. हालांकि, इस मुद्दे पर सउदी अरब अमेरिका का एकमात्र समर्थक देश है.