पूर्व समाजवादी पार्टी नेता अमर सिंह दिल्ली में मिला सरकारी आवास 27 लोधी एस्टेट छोड़ने की तैयारी में हैं। दिल्ली के सबसे पॉश इलाके लुटियंस जोन में स्थित यह कोठी 13 साल तक अमर सिंह के आवास के तौर पर जानी जाती रही है। अमर सिंह अब सांसद नहीं रहे और न ही दिल्ली के राजनीतिक सर्किल के सक्रिय सदस्य। ऐसे में अब वह अपने बैग पैक चुके हैं। हालांकि, ऐसे वक्त में उनका दर्द छलक आया और वे कभी अपने साथी रहे बॉलीवुड एक्टर अमिताभ बच्चन पर जमकर बरसे। अमर सिंह ने दावा किया कि अगर वह न होते तो आज पूरा बच्चन परिवार जेल में होता। अमर सिंह ने यह भी कहा, ”मेरे हिसाब से बच्चन अपनी फिल्म के नाम बागवान की तरह नहीं, बल्कि बाग उजाड़ हैं। मैं भावुक होकर यह बात ऑन रिकॉर्ड कह रहा हूं। ”
उन्होंने बताया कि दोनों के बीच रिश्तों में तल्खी की वजह जया बच्चन के लिए राज्यसभा सीट नहीं थी। अमर ने कहा, ”दरार उस वक्त आई, जब अनिल अंबानी के घर पर अमिताभ बच्चन ने मुझ पर आरोप लगाया कि मेरी वजह से सहारा बोर्ड से उनके परिवार की छुट्टी हुई।” सिंह ने दावा किया कि उन्होंने बच्चन को सहारा के बिजनेस को लेकर सुझाव दिया कि कभी उस कार में मत बैठें, जिसके बारे में आप यह न जानें कि उसका ड्राइवर कौन है। सिंह के मुताबिक, ”अगर मैंने उन्हें चेतावनी नहीं दी होती होती तो आज उनका पूरा परिवार सहारा के बोर्ड में शामिल होता और आज अन्य की तरह ही जेल में होता। वे आज पद्म विभूषण और पीएम के साथ सेल्फी नहीं ले रहे होते, और न ही गिर के जंगलों को प्रमोट कर रहे होते। ” अमर सिंह ने यह भी बताया कि अमिताभ ने उन्हें अपनी 70वीं सालगिरह पर नहीं बुलाया। अमर के मुताबिक, उनके स्पॉट ब्वॉयज तक को बुलाया गया, लेकिन मुझे नहीं। बता दें कि बच्चन परिवार के अब अमर सिंह से रिश्ते सामान्य नहीं रहे।
अमर सिंह का सामान दिल्ली के बाहरी इलाके स्थित छत्तरपुर स्थित उनके फार्महाउस शिफ्ट किया जा रहा है। अब यह बंगला केंद्र सरकार में राज्यमंत्री गिरिराज सिंह को मिलेगा।27 लोधी एस्टेट बंगले की सूरत अब ढली हुई नजर आती है। गार्डन मुरझाए दिखते हैं और जहां कभी संगमरमर की मूर्तियां चमचमाती थीं, वहां जमीन खुदा हुआ दिखता है। फव्वारे भी सूखे पड़े हुए हैं। दीवारों पर स्क्रैच दिखते हैं, जो अमर सिंह द्वारा कभी लगाए गए महंगे पेन्टिंग्स की वजह से आए हैं। घर में फ्रेंच लाइट्स की कतारें लगी हुई थीं। इसके अलावा, पोर्च के सामने बना सिटिंग एरिया संगमरमर का बना था। अब ये सारी चीजें यहां से हट चुकी हैं और इन्हें छत्तरपुर फार्महाउस पर शिफ्ट किया जा रहा है।
कुछ राजनीतिक जानकार कहते हैं कि लुटियंस जोन में स्थित इस बंगले का छूटना अमर सिंह के लिए उनके राजनीतिक करियर पर फुल स्टॉप लगने जैसा है। अमर सिंह जब पहली बार इस बंगले में आए थे, उस वक्त उनकी बेटियां महज साल भर की थीं। अमर सिंह ने बताया कि उन्होंने आठ महीने अपने खर्च पर इस बंगले की मरम्मत कराई थी। सिंह ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में कहा, ”मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन मैं सांसद नहीं रहूंगा। इसलिए यह भी नहीं सोचा कि यह मेरा अस्थाई आवास है। हालांकि, राष्ट्रपति और पीएम को भी मकान खाली करना पड़ता है।”
इस बंगले पर होने वाली पार्टियां और यहां आने वाले लोग हमेशा से चर्चा में रहे। यहां के ड्राइंग रूम की शान एआईएडीएमके चीफ जयललिता और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू तक बढ़ा चुके हैं। यह वही जगह है, जहां लेफ्ट नेता प्रकाश कारत कभी एसपी चीफ मुलायम सिंह यादव को वाम दलों और कांग्रेस के बीच हुई कार्डिनेशन कमिटी की बैठकों की जानकारी देते थे। आखिरी बार अमिताभ बच्चन 2008 में इस बंगले में अपने जन्मदिन के मौके पर आए थे।
बंगला छोड़ते हुए क्या बुरा लग रहा है, इस पर अमर सिंह ने कहा, ”राजनीति एक जिम्मेदारी है, जिसका बोझ अब मुझसे हट चुका है। यह घर एक भौतिक संपदा है, जिसे छोड़ने का कोई दुख नहीं है।” हालांकि, बात करने के दौरान अमर सिंह का राजनीतिक दर्द भी उभर कर सामने आ जाता है। उन्होंने कहा, “ मुझे उन लोगों के बारे में बुरा लगता है, जिन्हें मैंने परिवार का सदस्य माना और और उन्होंने मुझे धोखा दिया। घर से ज्यादा अहम रिश्ते हैंI”