पिता का लिवर लेकर एम्बुलेंस से एयरपोर्ट तक गए बेटी-बेटा, बनाया गया ग्रीन कॉरिडोर

उज्जैन निवासी 61 वर्षीय अशोक जैन को ब्रेन हेमरेज के कारण परिजन बॉम्बे हॉस्पिटल ले गए थे। डॉक्टरों ने परिजनों को वहां मरीज की ब्रेन डेड स्थिति के बारे में बताया।इसके बाद अंगदान के लिए परिजनों ने मुस्कान ग्रुप से संपर्क किया। जैन की पत्नी और भाइयों ने सहमति दे दी। जैन को पहली बार सोमवार रात करीब 12.30 और दूसरी बार मंगलवार सुबह आठ बजे ब्रेन डेड घोषित किया गया। शाम करीब 6.31 बजे पहला कॉरिडोर बनाया गया। बेटी अंशिता और बेटा अंशुल बेंगलुरू से सुबह पहुंचे और एम्बुलेंस में ही पिता का लिवर हाथ में लिए एयरपोर्ट तक गए। मां शोभा चाहती थी कि पिता के अंग को विदा करते हुए बेटी का हाथ लगे। पिता के लिवर को बॉक्स में रखकर जब ले जाया जा रहा था, तो बेटा और बेटी भावुक हो गए।