मंदसौर। मंदसौर व नीमच जिले के बिजली कंपनी के अधिकारी व कर्मचारी लंबे समय से लंबित मांगों का निराकरण नहीं होने पर मंगलवार शाम लामबंद हुए। पूरे जिले से सभी वर्ग के अधिकारी व कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर नारेबाजी की।

उन्होंने 11 सूत्रीय मांगो के निराकरण को लेकर 2 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की बात कही। यहां यूनाइटेड फोरम पश्चिम क्षेत्र के संयोजक जीके वैष्णव, इंजीनियर आरके नायर, डीएस चंद्रावत सहित अनेक नेताओं ने संबोधित किया।

अधिकारी-कर्मचारियों की ये थी मांगे

नेताओं ने कहा कि पेंशन ट्रस्ट में आवश्यक धन राशि मप्र शासन एवं कंपनी जमा करें। तृतीय उच्च वेतनमान के आदेश शीघ्र जारी किए जाएं। बिना शर्त अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाएं। ठेका श्रमिक को ठेकेदारी से बंद कर कंपनी के अंतर्गत दैनिक वेतन भोगी रखा जाएं।

संविदा कर्मचारी एवं मीटर रीडरो को नियमित किया जाए। 1 जनवरी 2016 से प्रस्तावित सातवें वेतनमान के लिए कमेटी गठित करने एवं अंतरिम राहत प्रदान की जाए। सभी कंपनियो मे एक समान सेवाशर्ते एवं ओएस बनाया जाए, कंपनी केडर के कर्मचारी-अधिकारियों को मंडल के समान 50 प्रतिशत विद्युत देयक मे छुट प्रदान की जाए।सेवानिवृत्त पेंशनरों को 25 प्रतिशत विद्युत देयक में छुट प्रदान की जाएं।

सारणी ताप विद्युत घर को किया जा रहा बेचने का प्रयास

प्रदेश के सबसे पुराना सारणी ताप विद्युत केंद्र है, इससे 1150 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है। यह बिजली मात्र 2.19 पैसे यूनिट के मान से मिल रही है। ऎसे में भी सरकार ज्वांइट वैंचर के नाम पर एनटीपीसी के माध्यम से इस विद्युत केंद्र को बेचने का प्रयास कर रही है। यह आरोप यूनाइटेड फोरम पश्चिम क्षेत्र के संयोजक इंजी. जीके वैष्णव ने लगाए।

वे मंगलवार को पत्रकारो से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बिजली कंपनी के अधिकारी व कर्मचारी अपनी 11 सूत्रीय मंागों को लेकर लंबे अरसे से संघर्ष कर रहे है। इसके बाद भी सरकार बिजली कंपनी के कर्मचारियों की जायज मांगो को नहीं मान रही है।

यही कारण है कि कंपनी में कार्यरत कर्मचारियों के 11 संगठनों को मिलाकर मप्र यूनाइटेड फोरम फॉर पॉवर एम्प्लॉइज एंड इंजीनियर्स फोरम का गठन किया गया। इस फोरम के माध्यम से अधिकारी व कर्मचारी 1 अगस्त से पूरे प्रदेश भर में प्रदर्शन कर रहे है।