मंदसौर। पहले बारिश की खेंच और फिर लगातार बारिश। दोनों ही हालातों में खरीफ की फसल को बड़ा नुकसान हुआ है। अब स्थिति ये है कि अधिकांश गांवों में फसलें खराब हो गई हैं। खासतौर पर सोयाबीन की फसल या तो पीली पड़कर सूखने लगी है या उसकी बढ़वार रूक गई है। बड़ी संख्या में खड़ी फसल अफलन की स्थिति में है। इससे किसान हताश होने लगे हैं।

किसानों का कहना है कि कई सालों से सहकारी समितियां फसल बीमा की प्रीमियम तो ले रही है, पर फसल नुकसानी होने पर लाभ नहीं मिल रहा। मंगलवार को करीब 20 से अधिक गांवों के किसानों ने खराब सोयाबीन की फसल हाथों में लेकर रैली निकाली, कलेक्ट्रोरेट में प्रदर्शन किया व कलेक्टर को ज्ञापन दिया। इसमें सुवासरा के विधायक हरदीपसिंह डंग ने भी किसानों को राहत देने की मांग की।

कलेक्टोरेट में प्रदर्शन

मंगलवार दोपहर कलेक्टोरेट में हताश किसानों का मेला सा लगा। कलेक्टोरेट मार्ग पर घाटी के नीचे ट्रेक्टर-ट्रालियों में बैठ विभिन्न गांवों के किसान आए। यहां किसान एकत्रित होकर रैली के रूप में कलेक्ट्रोरेट पहुंचे।

धीरे-धीरे कई गांवों के किसान कलेक्टोरेट में एकत्र हो गए। करीब 1 घंटे तक किसानों ने कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह तो कभी प्रभारी एसडीएम वीरसिंह चौहान को ज्ञापन दिया। इनमें सीतामऊ, सुवासरा, मल्हारगढ़, मंदसौर व दलौदा तहसील के किसान शामिल थे।

दिलाएं मुआवजा

बरखेड़ा डांगी, नकेडिया, कुचड़ोद, दलौदा, सरसोद, खजूरिया सारंग के किसान प्रेमसिंह, कमलसिंह, रामप्रसाद, योगेंद्रसिंह, रामदयाल, शिवलाल भले ही अलग-अलग क्षेत्र के या अलग-अलग गांव के किसान थे, लेकिन सबकी समस्या एक ही थी। किसानों का कहना था कि पहले बारिश की लंबी खेंच फिर लगातार बारिश होने से फसल खराब हो गई। खाद, कीटनाशक, हार्मोस की दवाई का छिड़काव किया, पर इसका कोई असर नहीं हुआ। जलभराव व लगातार आकाश में घने बादल छाने के कारण फसलों में विभिन्न प्रकार के रोग व इल्ली के प्रकोप ने फसलो को तबाह किया।

विधायक ने कहा कि मिले किसानों को राहत – सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के विधायक डंग ने कलेक्टर सिंह से मुलाकात कर क्षेत्र के किसानों की फसल नुकसानी का शीघ्र सर्वे करवाकर उन्हें मुआवजा दिलवाने की मांग की। उन्होंने कहा कि बरसों से किसानों से फसल बीमे की प्रीमियम ली जा रही है, पर लाभ कभी भी नहीं दिया गया। प्रशासन हस्तक्षेप कर किसानों को फसल बीमा का लाभ दिलाएं।

नहीं दिया लाभ

कई साल से सहकारी समितियां किसानों से फसल बीमा के नाम पर प्रीमियम राशि वसूल रही है, पर कभी भी किसानों को बीमा लाभ नहीं दिया गया। जनपद सदस्य घनश्याम टांक ने कहा कि क्षेत्र में करीब 50 हजार हैक्टेयर से अधिक की भूमि पर सोयाबीन की फसल खराब है। इसके बाद भी शासन- प्रशासन ने न फसल नुकसानी का सर्वे किया और नहीं राहत दिलाई है। इससे किसान हताश व आक्रोशित हैं। प्रशासन के अधिकारियों को खेतो से फसल उखाड़कर दिखाया है। उन्होंने शीघ्र ही फसल नुकसानी का सर्वेकराकर किसानों को मुआवजा दिलाने की मांग की।

मुख्यमंत्री को बताई समस्या

मंगलवार को कुचड़ोद, मल्हारगढ़, बोरखेड़ी चारण व बरखेड़ा डांगी गांव के किसानों ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष मदनलाल राठौर को ज्ञापन सौंप सोयाबीन की फसल खराब होने की जानकारी दी। वहीं फसल बीमा का लाभ दिलाने व फसल नुकसानी का आंकलन कर किसानों को मुआवजा दिलाने की मांग की। इस पर राठौर ने किसानों द्वारा दिए गए ज्ञापन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को ई-मेल से प्रेषित कर उन्हें किसानों की समस्या से अवगत कराया।

कृषि वैज्ञानिक का कहना…

उद्यानिकी महाविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक डॉएसएन मिश्रा व आरएस चुंडावत ने कहा कि जिन किसानों ने पहले फसल बुवाई की। उन किसानो केे खेतों में सोयाबीन की फसल अफलन की स्थिति में है। इसका कारण वर्षा की लंबी खेंच के चलते पौधो की फिजियोलॉजिकल बदलाव हुए है। बाद में लगातार बारिश होने लगी। इस पर फिर पौधों में फिजियोलॉजिकल बदलाव हुए है। इस कारण हार्मोस असंतुलन होने से फसल अफलन की स्थिति में आ गए है। मौसम के कारण कीट-व्याधियां भी बढ़ी, इल्ली का प्रकोप भी कहीं-कहीं मिला। चूंकि लगातार बारिश हुई, इसीलिए दवा के छिड़काव का ज्यादा असर नहीं हुआ। हालांकि जिले में बाद में बोईगईफसल व ज्यादा दिनों में आने वाली सोयाबीन जैसे जी-335 में नुकसान नहीं है। कलेक्टर स्वतंत्रकुमार सिंह ने कहा कि किसानों की परेशानी सुनी है। इसको लेकर प्रशासन शीघ्र ही हर संभव मदद किसानों की करेगा।