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पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक में जांच एजेंसियों को एक ऐसी फर्जी कंपनी का पता चला है, जिसकी जानकारी केवल बैंक के अध्यक्ष और चेयरमैन को थी। इस कंपनी ने बैंक को 300 करोड़ रुपये से अधिक की चपत लगाई है। इससे पहले एचडीआईएल के मालिकों ने कंपनी के हजारों करोड़ रुपये डूबो दिए थे। एचडीआईएल ने भी 44 से ज्यादा खातों को पासवर्ड से ऑपरेट किया था।

जांच एजेंसियों को पता चला है कि अबचल समूह नाम की कंपनी ने भी बैंक में खाते खोल रखे थे। इस समूह ने बैंक से विभिन्न योजनाओं के लिए 300 करोड़ रुपये का लोन ले रखा था, जिसे चुकाया नहीं गया। कंपनी अपने बैंक खातों को पासवर्ड के माध्यम से ऑपरेट करती थी।

एक लाख के शेयर कैपिटल से खुली थी कंपनी

इस कंपनी के बारे में ज्यादा लोगों को नहीं पता है। रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज की वेबसाइट पर भी इस कंपनी के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। श्री अबचल प्रॉपर्टी इंवेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड 1992 में एक लाख रुपये के शेयर कैपिटल के साथ शुरू की गई थी।

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह कंपनी वित्तीय सेवाओं में थी। बीमा और पेंशन के अलावा सभी वित्तीय सेवाओं में यह कार्य करती थी। इसके अलावा एक और कंपनी उत्तम गालवा समूह ने भी बैंक से 200 करोड़ रुपये का लोन ले रखा है, जिसके बारे में ईओडब्ल्यू ने पूछताछ के लिए कंपनी के निदेशकों को बुलाया है।

बेचे जाएंगे दो हवाई जहाज और याट

पंजाब एवं महाराष्ट्र कॉपरेटिव (पीएमसी)बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी राकेश वाधवान और उसके बेटे की कंपनी एचडीआईएल समूह के दो हवाईजहाज और एक याट को बेचा जाएगा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को इस पर अपनी सहमति जता दी।

ईडी इस मामले में मुंबई पुलिस की आर्थिक शाखा (ईओडब्ल्यू) के साथ मिलकर जांच कर रही। अबतक एचडीआईएल प्रवर्तकों की करीब 3,830 करोड़ रुपये की चल संपत्ति जब्त की जा चुकी है। इसमें लग्जरी गाड़ियों के साथ ही एक सात सीट वाली स्पीडबोट, दो हवाई जहाज और एक याट शामिल हैं।

इस मामले में आरबीआई ने पीएमसी बैंक के लिए लिए प्रशासक नियुक्त किया हुआ है। उसने कोर्ट से जांच एजेंसियों द्वारा जब्त संपत्तियों को बेचे जाने के लिए निर्देश देने की मांग की है। ईओडब्ल्यू पहले ही संबंध में अपनी सहमति दे चुका है।