ये कैसी जमीन दे रही है सरकार? 
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि वह लैंड बैंक की जमीनों को पहले भी कई बार देख चुके हैं, ये जमीनें बंजर एवं अतिक्रमित हैं. यही नहीं, राज्य सरकार के राजस्व विभाग के पत्र 28 मई 2001 में साफ कहा गया है कि नर्मदा घाटी मंत्रालय की ओर से पुनर्वास के लिए रिजर्व की गई लैंड बैंक की जमीनें अनउपजाऊ हैं. इन दोनों प्रस्तावों से विस्थापितों का पुनर्वास नीति और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक पुनर्वास संभव नहीं है.

विस्थापितों की मांग है कि सरकार या तो जमीन खरीद कर दे या मौजूदा मार्केट रेट पर न्यूनतम पांच एकड़ जमीन खरीदने के लिए अनुदान दे, जिससे विस्थापितों का सही पुनर्वास हो सके.

लगातार पानी में रहने से बढ़ी ये समस्याएं
सत्याग्रहियों के पैरों में सूजन, शरीर दर्द, खुजली और बुखार की शिकायतें बढ़ रही हैं. वहीं धूप भी परेशान कर देने वाली है. प्रभावितों का कहना है कि अगर सरकार उनकी बात नहीं सुनती तो यहीं उनकी जल समाधि हो जाएगी. शुक्रवार को फिर डॉक्टरों की टीम ने जल सत्याग्रहियों के पैरों की जांच की और उन्हें इलाज की सलाह दी लेकिन उन्होंने इलाज कराने से मना कर दिया.