15 दिनों तक सांकेतिक रूप से मालवा के भ्रमण पर जाएंगे ओंकारेश्वर
ओंकारेश्वर । ज्योतिर्लिंग भगवान ओंकारेश्वर गुरुवार से भक्तों से मिलने मालवा भ्रमण पर जाएंगे। भगवान ओंकारेश्वर एक पखवाड़े तक भ्रमण करेंगे। इस दौरान मंदिर में भगवान का त्रिकाल पूजन बंद रहेगा। शयन आरती में सजने वाले सेज, झूला, चौपड़ व पासे नहीं सजाए जाएंगे। 3 दिसंबर को भगवान वापस मंदिर में लौटेंगे। तीर्थनगरी में प्रतिदिन ज्योतिर्लिंग भगवान की त्रिकाल पूजा होती है। प्रात: और दोपहर में विशेष आरती के साथ भोग लगाया जाता है। भगवान ओंकारेश्वर की विदाई के बाद से 15 दिनों तक त्रिकाल पूजा नहीं होगी।
मंदिर में भोग, शयन व श्रृंगार भी नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही मंदिर में लगने वाली सेज, झूला, चौपड़ व पासे भी नहीं लगाए जाएंगे। कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी 19 नवंबर से अगहन कृष्ण पक्ष की अष्टमी 3 दिसंबर तक भगवान ओंकारेश्वर मालवा के भ्रमण पर रहेंगे। मंदिर ट्रस्ट के सहायक कार्यपालन अधिकारी अशोक महाजन ने बताया कि गुरुवार सुबह प्रात: आरती में भगवान को भोग लगाया जाएगा। इसके बाद ओंकारेश्वर मालवा भ्रमण पर जाएंगे। दोपहर से भगवान की आरती में उन्हें भोग नहीं लगेगा और शयन भी नहीं कराया जाएगा।
भगवान का यह सांकेतिक भ्रमण रहता है। इसी तरह ज्योतिर्लिंग मंदिर के पं. आशीष दीक्षित ने कहा कि परंपरानुसार कार्तिक व अगहन पक्ष में 15 दिनों के लिए भगवान ओंकारेश्वर के मालवा भ्रमण की मान्यता है। इसका निर्वहन करते हुए 15 दिन त्रिकाल पूजन नहीं किया जाता। ओंकारेश्वर के प्राचीन पंचमुखी गणेश मंदिर के पुजारी पं. ओमप्रकाश त्रिवेदी ने बताया कि अनादिकाल से भूतभावन भगवान ओंकारेश्वर वर्ष में एक बार 15 दिन के मालवा भ्रमण पर जाते हैं।