कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि देश की महिलाओं को किसी के सहारे की जरूरत नहीं है। महिलाओं को सिर्फ उनके अधिकार और उचित स्थान दिया जाए तो वे अकेले दुनिया बदलने की ताकत रखती हैं। मेरा मानना है कि महिलाओं को पर्याप्त मौका मिले तो दुनिया की कोई ताकत भारत को सुपर पॉवर बनने से नहीं रोक सकती। वह सोमवार को कांग्रेस के घोषणापत्र में महिलाओं की भागीदारी तय करने के लिए मिंटो हॉल में आयोजित संवाद चौपाल में बोल रहे थे।

देश के अनेक वर्गो की करीब 250 महिलाओं से मुखातिब राहुल ने कहा कि जब वह छोटे थे तब पिता और चाचा के होने के बावजूद घर की बॉस उनकी दादी इंदिरा गांधी ही हुआ करती थी। महिलाओं को देश की धरोहर बताते हुए उन्होंने कहा कि महिलाओं की नीति और योजनाओं का निर्धारण अब तक बंद कमरों में हुआ करता था लेकिन वह व्यवस्था बदलने निकले हैं। इस दौरान एक विकलांग महिला ने राहुल को चौंकाने वाले तथ्य बताने शुरू कर दिए।

वॉलेंटियर ने रोकने के लिए माइक वापस ले लिया लेकिन राहुल गांधी ने माइक दोबारा महिला को देने का इशारा किया। महिला ने बताया कि मध्य प्रदेश में पंचायती राज व्यवस्था मंत्रियों की दुकान बन चुकी है। महिलाओं को पंचायतों में खड़ा होने तो दिया जाता है लेकिन बोलने के लिए उन्हें पुरुषों का मुंह ताकने को मजबूर किया जाता है।

समलैंगिता की आजादी क्यों नहीं

मुंबई से आई समलैंगिक एवं सेक्स वर्कर एसोसिएशन की प्रतिनिधि लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने राहुल गांधी से समलैंगिकता का समर्थन करने की मांग की।

उन्होंने कहा कि देश को आजादी मिल गई लेकिन इस वर्ग को आजादी से जीने का हक कब मिलेगा? वहीं गुलाबी गैंग की नेता संपत पाल ने नारी को ही नारी का दुश्मन करार दिया।