इंदौर। ब्लड कैंसर के मरीजों के लिए राहतभरी खबर है। मध्यप्रदेश में पहली बार इंदौर में बोनमैरो के डोनर का रजिस्ट्रेशन हो सकेगा। उनके सेम्पल की टेस्टिंग एम्स दिल्ली में होगी। इसके लिए इंदौर ऑर्गन डोनेशन सोसायटी और एम्स के बीच अनुबंध हो चुका है। डोनर के सेंपल एम्स भेजे जाएंगे और वहां से टेस्टिंग होकर रिपोर्ट वापस भेज दी जाएगी। इसके लिए रोडमैप तैयार कर लिया गया है।

कमिश्नर कार्यालय में मंगलवार को एम्स से आए डॉक्टरों के साथ बैठक हुई, जिसमें कमिश्नर संजय दुबे सहित एमजीएम कॉलेज के प्रभारी डीन डॉ. संजय दीक्षित सहित अन्य डॉक्टर मौजूद थे। एम्स के डॉ. डीके मित्रा और डॉ. उमा कांगा ने बोनमैरो ट्रांसप्लांट और डोनर रजिस्ट्रेशन के मुद्दे पर चर्चा की। बैठक में तय हुआ कि मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों और तकनीशियनों को एम्स में नि:शुल्क ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए इसी माह नाम तय कर लिए जाएंगे। उम्मीद है कि अक्टूबर में ट्रेनिंग भी शुरू कर दी जाएगी।

विदेश का डोनर भी दे सकेगा बोनमैरो

यदि एक बार डोनर का पंजीयन यहां हो गया तो भले ही वह कनाडा, जर्मनी या विदेश में कहीं का हो, बोनमैरो दे सकेगा। उसे इंदौर में ट्रांसप्लांट किया जा सकेगा। एम्स ने इंदौर में ट्रांसप्लांट के लिए कुछ उपकरणों की जरूरत बताई। ये उपकरण बुलाए गए हैं। इसमें से कुछ उपकरण दानदाताओं से जुटाए जा रहे हैं और कुछ के लिए सरकार से मदद ली जाएगी। पहले से टेस्ट होने पर जरूरतमंद मरीजों के लिए बोनमैरो ट्रांसप्लांट किया जा सकेगा। जरूरत पड़ने पर बोनमैरो मैच करने में समय नहीं गंवाना पड़ेगा।

गरीबों का टेस्ट नि:शुल्क

बोनमैरो के एक एचएलए टेस्ट में 12 से 15 हजार रुपए खर्च होते हैं। गरीबी रेखा से नीचे वाले डोनर के लिए एम्स में यह टेस्ट नि:शुल्क रहेगा। सामान्य वर्ग के डोनर के लिए भी यह टेस्ट नाममात्र के शुल्क पर होगा। एम्स के डॉक्टर बुधवार को भोपाल में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य से भी मिलेंगे।

जागरूकता की कमी: देश में केवल 3800 रजिस्टर्ड

एम्स के डॉक्टरों ने बताया कि बोनमैरो डोनर रजिस्ट्रेशन के लिए देश में अब भी जागरूकता की कमी है। उन्होंने बताया कि देशभर में अब तक केवल 3800 डोनर ही रजिस्टर्ड हैं। इंदौर एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के मुताबिक, अकेले इंदौर में ही हर साल 200 से लेकर 500 मरीजों को बोनमैरो ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है। यदि डोनर रजिस्ट्रेशन की सुविधा इंदौर में होगी तो अधिक से अधिक मरीजों को लाभ मिल सकेगा।