नई दिल्ली। लोकसभा से 25 सांसदों को सस्पेंड किए जाने के खिलाफ कांग्रेस सांसद संसद परिसर में धरना दिया। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस धरने में शामिल हुए। कांग्रेस सांसदों ने बांह पर काली पट्टी भी बांधी। धरने में कांग्रेस के लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों के सांसद मौजूद रहे। धरने के दौरान सांसदों ने नारेबाजी भी की। पत्रकारों से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहाकि, जो संसद में हो रहा है वह तो केवल सिंबल है। यही पूरे देश में किया जा रहा है। इंटरनेट के साथ किया जा रहा है, छात्रों के साथ किया जा रहा है। किसानों के साथ किया जा रहा है। हम इस प्रेशर को कम नहीं करेंगे, चाहे हम सब को संसद से उठाकर बाहर फेंक दें। इस बात के पुख्ता सबूत है कि सुषमा स्वराज ने कानून तोड़ा है और वसुंधरा राजे ने भी ललित मोदी की मदद की है। हम उनके इस्तीफे की मांग नहीं कर रहे हैं बल्कि पूरा देश उनका इस्तीफा मांग रहा है। उन्हें मन की बात करने की आदत है वे हिंदुस्तान के मन की बात भी कर लें।

लोकतंत्र की हत्या हुई

सोनिया गांधी ने कहाकि, जिस तरह से उन्होंने हमारे सांसदों को सस्पेंड किया है यह लोकतंत्र के खिलाफ है। यह लोकतंत्र की हत्या है। वहीं पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहाकि, दागी मंत्रियों का इस्तीफा होना चाहिए। गौरतलब है कि लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सोमवार को कांग्रेस के 25 सांसदों को सदन में तख्तियां लहराने पर निलंबित कर दिया था। 25 सांसदों के निलंबन के बाद लोकसभा में कांग्रेस केवल 19 सांसद रह गए हैं।

निलंबन को लेकर स्पीकर महाजन ने कहाकि मैंने कई बार सर्वदलीय बैठक बुलाई और कहाकि विपक्ष अपनी आवाज उठा सकता है लेकिन इस तरह की हरकत नहीं चलेगी। विपक्ष के सांसद स्पीकर को शैडो करने का प्रयास कर रहे हैं। इससे कड़ा संदेश जाएगा। निलंबन को लेकर आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और वामदलों ने कांग्रेस का साथ दिया है। इन दलों ने कहा है कि निलंबन के दौरान उनके सांसद भी लोकसभा में नहीं जाएंगे।