राष्ट्रीय राजधानी में रविवार को एक बस चालक की पीट-पीटकर हत्या किए जाने के विरोध में हड़ताल पर चल रहे दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की बसों के चालकों पर दिल्ली सरकार ने एस्मा लगा दिया है। सरकार ने कर्मचारियों से काम पर लौटने की अपील भी की थी।सरकार ने अपने बयान में कहा था कि अगर कर्मचारी काम पर नहीं लौटे तो एस्मा लगा दिया जाएगा। हालांकि, कर्मचारियों ने सरकार की इस चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए हड़ताल दूसरे दिन मंगलवार को भी जारी रखी।

इससे पहले, रविवार को एक बस चालक की पीट-पीटकर हत्या किए जाने के विरोध में डीटीसी के सभी चालक सोमवार को हड़ताल पर चले गए थे। हड़ताल के चलते यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। हड़ताल के लिए आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जिम्मेदार ठहराया।

चालकों की हड़ताल के कारण डीटीसी की 4,705 बसें सड़कों से नदारद रहीं और सैकड़ों चालक व सह चालकों ने शहर के 45 डिपो पर एकत्रित होकर विरोध-प्रदर्शन किया। हड़ताल के कारण पड़ोसी राज्यों हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश में भी डीटीसी की सेवाएं प्रभावित रहीं।

दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने मसले के समाधान के लिए अधिकारियों से मुलाकात की। पश्चिमी दिल्ली के मुंडका इलाके में एक युवक ने अपनी मोटरसाइकिल में बस से टक्कर लगने के बाद 42 वर्षीय बस चालक अशोक की हेलमेट व आग बुझाने वाले छोटे सिलेंडर से पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।

चालक की मौत की खबर फैलते ही डीटीसी कर्मचारी संगठनों ने सोमवार को हड़ताल की घोषणा कर दी। सुबह से ही चालक व सहचालक डिपो पर एकत्रित होने लगे। उन्होंने नारे लगाए और बाइक सवार के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की।

सोमवार को सबसे ज्यादा दिक्कत उन हजारों विद्यार्थियों को हुई, जिनके स्कूलों ने उन्हें लाने ले जाने के लिए डीटीसी बसों को किराये पर रखा है। बसों की अनुपस्थिति में अधिकांश विद्यार्थी ऑटो रिक्शा व निजी वाहनों से स्कूल पहुंचे।

ऑफिस जाने वाले लोगों को मजबूरी में दिल्ली मेट्रो का रूख करना पड़ा, वहीं मौके का फायदा उठाते हुए ऑटो रिक्शा चालकों ने यात्रियों से मनमाना किराय वसूला। दिल्ली परिवहन मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, हालात सामान्य करने के लिए प्रयास जारी हैं।

दिल्ली की आप सरकार ने भाजपा पर मामले का राजनीतिकरण करने और डीटीसी कर्मियों को उकसाकर हड़ताल कराने का भी आरोप लगाया। मंत्री गोपाल राय ने मीडिया से कहा, मुआवजे की घोषणा हो चुकी है और दोषी को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस हड़ताल के पीछे भाजपा है।

उन्होंने कहा कि जल्द ही डीटीसी बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे और पहले चरण में लगभग 2,500 मार्शलों को तैनात किया जाएगा। दिल्ली सरकार ने कहा कि वह मृत बस चालक की बेटी की शिक्षा का खर्च वहन करेगी। उन्होंने कहा किकाम पर न लौटने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

उन्होंने कहा, सरकार ने डीटीसी कर्मचारियों की हड़ताल को बेहद कड़ाई से लिया है। सरकार हड़तालियों से कड़ाई से निपटेगी। कर्मचारियों को सलाह दी जाती है कि वे जल्द से जल्द काम पर लौटें, ऎसा न करने पर वे नतीजा भुगतने को तैयार रहें।

इससे पहले भाजपा ने मृत बस चालक को न्याय देने की मांग करते हुए संसद मार्ग से जंतर मंतर तक कैंडल मार्च निकाला और दिल्ली सरकार को मुआवजे की रकम बढ़ाकर एक करोड़ रूपये करने को कहा।

दिल्ली भाजपा प्रमुख सतीश उपाध्याय ने पीडित परिवार को पांच लाख रूपए की मदद दी है।उन्होंने कहा, आप ने महिलाओं को डीटीसी बसों में सुरक्षा प्रदान करने का वादा किया था, लेकिन यहां तो बस के चालक भी सुरक्षित नहीं हैं।

डीटीसी के बेड़े में कुल 4,705 बसें हैं, जिनमें से 1,275 एयरकंडीशन तथा 2,506 साधारण लो फ्लोर बसें हैं। बाकी पुरानी बसें हैं। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि बस हड़ताल के कारण उत्तर प्रदेश और हरियाणा जाने वाली रेलगाडियां खचाखच भरी रहीं। अधिकारी ने कहा, सोमवार अमूनन भीड़भाड़ वाला दिन होता है और डीटीसी की हड़ताल के कारण मेट्रो में भी काफी भीड़ देखी गई।