मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ना चाहती थीं प्रियंका गांधी, पर नहीं मानी कांग्रेस
बनारस सीट पर बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ना चाहती थीं प्रियंका गांधी लेकिन उनकी ही पार्टी कांग्रेस पीछे हट गई. सूत्रों की मानें तो प्रियंका मोदी को टक्कर देने में इच्छुक थीं पर ऐन मौके पर कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें चुनावी राजनीति में नहीं उतारने का फैसला किया.अब तक अपने भाई राहुल और मां सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी व रायबरेली तक सीमित रहने वाली प्रियंका का मानना था कि देश के लिए नरेंद्र मोदी को रोकना होगा.
अनुमान था कि प्रियंका के चुनाव लड़ने से देश भर में मोदी के तुफानी चुनाव प्रचार को सीमित किया जा सकता था. इसके अलावा यह फैसला पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों में जान फूंकने काम करता वो भी तब जब कई सीनियर नेता हार के डर से चुनावी समर में उतरने से हिचकिचा रहे हैं.
पार्टी के एक मैनेजर ने बताया कि अगर वह चुनाव हारती भी तो नतीजे 16 मई को ही नतीजों के ऐलान होते. लेकिन यह फैसला कार्यकर्ताओं को उत्साहित करता. यह बेहद ही साहसिक फैसला होता.
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने बताया कि मोदी के खिलाफ पार्टी वाराणसी से किसी बाहरी की जगह स्थानीय नेता हो चुनाव लड़वाना चाहती थी. वैसे इस फैसले की पीछे कई और वजह भी हो सकते हैं.
अगर प्रियंका वाराणसी से चुनाव लड़तीं तो नरेंद्र मोदी को जरूरत से ज्यादा तवज्जो मिलती. इसके अलावा, गांधी परिवार के तीन सदस्यों में से एक की हार की खतरा बना रहता. वहीं रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े विवादों को प्रियंका पर सियासी हमले तेज हो जाते. सबसे अहम यह कि इससे राहुल गांधी के नेतृत्व पर ही सवाल उठ जाता. जनता के बीच यह संदेश जाता कि राहुल कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने में नाकाम रहे हैं. शायद इस कारण से अब प्रियंका को मैदान में उतारा गया है.