अपनी बायोपिक में सचिन ने चुना वही घर जहाँ बिताया बचपन, वही मैदान जहाँ शुरू किया खेलना

सचिन तेंदुलकर की ज़िन्दगी के कुछ अनछुए लम्हें ऐसे हैं जिनसे कोई भी अवगत नहीं है

सचिन तेंदुलकर की आगामी बायोपिक ‘सचिन :अ बिलियन ड्रीम्स’ को वास्तविक रूप देने के लिए फिल्म में उनका वही घर दिखाया गया है जहाँ उन्होंने अपना बचपन बिताया था. फिल्म में 5 वर्षीय सचिन का बचपन दिखाया गया है. इसके बाद अगले पड़ाव में 11 वर्षीय सचिन उसी मैदान में क्रिकेट खेलते दिखेंगे जहाँ उन्होंने वास्तविकता में खेलना शुरू किया था. NDTV से एक ख़ास बातचीत में सचिन ने ये खुलासा किया की वो बचपन में बेहद शरारती थे जिसकी एक झलक फिल्म में दिखाई देगी. सचिन के अनुसार इस फिल्म और उनकी असल ज़िन्दगी में काफी समानताएं रखी गयी हैं ताकि दर्शक उन्हें और करीब से जान पाएं.

सचिन का दावा, कट्टर फैंस भी नहीं हैं वाकिफ उनकी ज़िन्दगी के कई अध्यायों से

सचिन तेंदुलकर को फॉलो करने वाले फैंस को लगता होगा की उन्हें मास्टर ब्लास्टर की ज़िन्दगी के हर एक पहलू की जानकारी है. उनके करियर की शुरुआत से लेकर अंत तक आये सभी उतार चढ़ाव, सुनहरे पल और मुश्किल दौर लाखों-करोड़ों फैंस ने उनके साथ जिए हैं. इसके बावजूद उनकी ज़िन्दगी के कुछ अनछुए लम्हें ऐसे हैं जिनसे कोई भी अवगत नहीं है. सचिन के मुताबकि फैंस को उनके तमाम रिकार्ड्स और पारियों की जानकारी तो ज़रूर होगी लेकिन उनका दावा है की 26 मई को रिलीज़ होने वाली इस फिल्म में प्रशंसकों को उनकी निजी ज़िन्दगी के कुछ ऐसे वाकयों और अध्यायों के बारे में पता चलेगा जिनको जानकर वे हैरान रह जाएंगे. तेंदुलकर ने ये भी कहा की फिल्म में कुछ ऐसे वीडियो क्लिप्स का इस्तेमाल किया गया है जो बेहद निजी हैं और इनकी जानकारी सिर्फ उनके परिवार को ही थी. इन वीडियोस को फिल्म में इस्तेमाल करने के लिए उन्हें अपने परिवार के साथ विचार विमर्श करना पड़ा.

मैदान पर उतरने के बाद सचिन करते थे तीन टीमों का प्रतिनिधत्व
इस एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में सचिन ने एक बेहद रोचक बात कही. तेंदुलकर ने खुलासा किया की जब भी वो बल्लेबाज़ी के लिए मैदान पर उतरते थे तो वो तीन टीमों के प्रतिनिधि बन जाते थे. एक टीम होती थी ड्रेसिंग रूम में बैठे हुए उनके साथी खिलाडी, दूसरी टीम होती थी टेलीविज़न पर नज़रें गड़ाए उनका परिवार और तीसरी उनके करोड़ों समर्थक. उन्होंने कहा की इसी वजह से मैंने जितने भी रन बनाये, जितनी भी उपलब्धियां हासिल करीं वो मेरी अकेली की नहीं हैं बल्कि पूरे देश की हैं.