मंदसौर: मिरेकल नर्सिंगकॉलेज द्वारा मूल दस्तावेज जमा करने व वापस नहीं देने के विरोध में बुधवार को विद्यार्थी सड़क पर उतर आए। उनके साथ अभाविप पदाधिकारी भी शामिल हो गए। सभी ने मिलकर कॉलेज के गेट पर ही हंगामा कर दिया। विद्यार्थियों का आरोप है कॉलेज किस विवि की मान्यता से चल रहा है, संचालक इसकी जानकारी भी नहीं देते। मौके पर पहुंचे वायडी नगर टीआई किशोर पाटनवाला व नायब तहसीलदार शिवदत्त शर्मा ने बच्चों को जांच कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। उसके बाद सभी वहां से हटे।

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अभाविप छात्र नेताओं और विद्यार्थियों ने अधिकारियों से कहा कि समय पर छात्रवृत्ति किसी को नहीं मिलती है। संचालक पहले ही ब्लैंक चेक पर साइन करा लेते हैं और फिर उससे सीधे छात्रवृत्ति निकाल लेते हैं। इसके अलावा कभी विक्रम विवि उज्जैन की मान्यता बताई जाती है तो कभी जबलपुर विश्वविद्यालय से। इसी चक्कर में यहां पढ़ रहे बच्चों की तीन साल से परीक्षा भी नहीं हुई है। टीआई किशोर पाटनवाला ने मौके पर ही बच्चों व कॉलेज संचालक डॉ. कैलाश गर्ग से लिखित में बयान भी लिए।

जीएनएम की काउंसलिंग से रह गई वंचित

कॅालेज में बेचलर ऑफ मेडिकल लेब टेक्नॉलॉजी के प्रथम वर्ष में अध्ययनरत उषा राठौर का गत दिवस शासकीय नर्सिंग स्कूल की जीएनएम ट्रेनिंग के लिए काउंसलिंग में नाम आया। इस पर उषा राठौर ने कॉलेज संचालक डॉ. कैलाश गर्ग से मूल दस्तावेज मांगे। पहले तो वे बहाने बनाते रहे। फिर देने से इंकार कर दिया। तीन दिन तक परेशान होने के बाद उषा ने बुधवार को अभाविप कार्यकर्ताओं से शिकायत की। मामले में अभाविप ने कॉलेज के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

विरोध करने पहुंचे तो कई छात्र आ गए

अभाविप कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया तो कॉलेज के कई विद्यार्थी उनके साथ शामिल हो गए। सभी ने छात्रवृत्ति नहीं मिलने, तीन साल से कोई भी परीक्षा नहीं होने, बार-बार विवि से मान्यता बदलने जैसी समस्याओं के बारे में बताया। फिर तो कॉलेज की छात्र-छात्राओं ने भी अभाविप के साथ जमकर नारेबाजी की। हंगामे की सूचना पर वायडी नगर टीआई किशोर पाटनवाला, नायब तहसीलदार शिवदत्त शर्मा के साथ मौके पर पहुंचे। बच्चों ने कई समस्याएं बताई तो तहसीलदार ने कहा कि आप बिंदु तैयार कर उपलब्ध कराएं। जांच करेंगे।

टीआई ने कॉलेज संचालक सहित छात्रों से भी की बात

टीआई किशोर पाटनवाला ने बच्चों की शिकायत पर बिंदुवार बयान लिए। बच्चों ने बताया कि छात्रवृत्ति के लिए कॉलेज ने ही बैंक खाते खुलवाए हैं जिसके एडवांस में ब्लैंक चेक विद्यार्थियों से ले रखे हैं। विद्यार्थियों ने बताया कि तीन साल से परीक्षा नहीं हुई है। संचालक द्वारा पहले तो कहा गया कि विक्रम विवि उज्जैन से मान्यता है। आठ माह पूर्व कहते हैं कि जबलपुर विवि से मान्यता हो गई है, वहां से परीक्षा कराई जाएगी। कई विद्यार्थियों ने मूल दस्तावेज भी नहीं देने की बात कही। इस पर पाटनवाला ने कॉलेज संचालक डॉ. कैलाश गर्ग के भी बयान लिए।

– कॉलेज ने तीन साल से कोई परीक्षा नहीं कराई है। मान्यता भी स्पष्ट नहीं है। नियमों के विरुद्घ बच्चों के मूल दस्तावेज भी नहीं दिए जा रहे हैं। बच्चों के एकमुश्त बैंक खाते खुलवाते हैं उसमें आई छात्रवृत्ति भी पहले ही साइन कराकर रखे ब्लैंक चेक से निकाल लेते हैं। ऐसे कई गंभीर मामले हैं। प्रशासन जल्द उचित कार्रवाई नहीं करेगा तो अभाविप द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा। -बंटी चौहान, प्रांत सहमंत्री, अभाविप

– मामले में विद्यार्थियों व कॉलेज संचालक के बयान ले लिए हैं। बच्चों ने कई बिंदुओं पर शिकायत दर्ज कराई है। इसकी जांच कर दोषियों पर उचित कार्रवाई की अनुशंसा करेंगे।- शिवदत्त शर्मा, नायब तहसीलदार

चेक तो फीस के लिए रखना पड़ते हैं

-एक छात्रा को सत्र के मध्य प्रवेश निरस्त कराना था। उसके द्वारा नोड्यूस नहीं कराने के कारण मूल दस्तावेज रखे थे। यह विवि द्वारा मांगे जाते हैं। पहले नर्सिंग कॉलेज विक्रम विवि उज्जैन से संबंधित था। 2015-16 से नर्सिंग कॉलेज मेडिकल विवि के अंतर्गत हो गए हैं। हमने जबलपुर विवि से संबंद्घता प्राप्त की है। ब्लैंक चेक तो फीस के लिए रखे जाते हैं। बच्चे फीस नहीं जमा कराते हैं इसलिए रखना पड़ते हैं।- डॉ. कैलाश गर्ग, संचालक, मिरेकल नर्सिंग कॉलेज

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