केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा पर फेंकी स्याही, विरोध के दौरान दो छात्राएं गाड़ी से टकराई
विश्वास सारंग के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा।
भोपाल। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शनिवार को भोपाल स्थित एम्स का दौरा किया। इस दौरान उन्हें छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ा। एम्स में असुविधाओं से नाराज छात्रों ने नड्डा पर स्याही फेंकी और नारेबाजी की। एम्स से लौट रहे मंत्री को रोकने की कोशिश में एक छात्रा उनकी गाड़ी से टकरा गई, जिसे मामूली चोट आई हैं।
भोपाल पहुंचते ही नड्डा ने भाजपा मुख्यालय पहुंचकर रक्तदान शिविर का शुभारंभ किया। इसके बाद एम्स पहुंचकर उन्होंने एमआरआई और सीटी स्कैन मशीन का शुभारंभ किया और दो वार्डों का लोकार्पण भी किया। इस मौके पर सांसद आलोक संजर, नंदकुमार सिंह चौहान, बाबूलाल गौर, विश्वास सारंग और प्रदेश स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी उपस्थित रहे।
एम्स 13 साल से आश्वासनों के हार ही पहन रहा है। यही कारण है कि अस्पताल में वो सुविधाएं नहीं मिल सकीं जो नाम के अनुरूप इस अस्पताल को शुरुआती वर्षों में ही मिल जानी थी। इन 13 सालों में चार केंद्रीय मंत्री एम्स का दौरा कर चुके हैं। इन सभी ने 6 महीने में बेहतर सुविधाओं का वादा किया। लेकिन गए तो पलट कर नहीं देखा। नतीजा एम्स में बेहतर इलाज का अब तक इंतजार है।
केंद्रीय मंत्री के आने की जानकारी लगते ही प्रबंधन ने एक दिन में ही जर्जर सड़क को दुरुस्त कर दिया। अस्पताल में 8 घंटे में गायनाकोलॉजी डिपार्टमेंट में एक डिलेवरी वार्ड बना दिया गया। हालात यह है कि यहां पर आज तक एक भी डिलेवरी नहीं हुई है। न ही यहां पर पहले बैच के छात्रों को किसी तरह का प्रशिक्षण दिया गया। यह तब है जब एक नवंबर को पहला बैच निकलने वाला है।
शुरू ही नहीं पाए कई महत्वपूर्ण विभाग
एम्स में अभी तक मेडिसिन, गायनेकोलॉजी, पीडियाट्रिक्स, ऑर्थोडिक्स, प्लास्टिक सर्जरी, जनरल सर्जरी, न्यूरोलोजी, न्यूरोसर्जरी, डेंटिस्ट्री, फिजियोथेरेपी विभागों की ओपीडी चल रही है। कॉर्डियोलोजी, कार्डियक सर्जरी, नेफ्रोलोजी, गेस्ट्रोसर्जरी, गेस्ट्रोमेडिसिन और रेडियोथेरेपी विभाग शुरू नहीं हो पाए हैं। अस्पताल भी 100 बिस्तरों का है। जबकि 900 बिस्तर होने चाहिए।
एम्स में अभी तक मेडिसिन, गायनेकोलॉजी, पीडियाट्रिक्स, ऑर्थोडिक्स, प्लास्टिक सर्जरी, जनरल सर्जरी, न्यूरोलोजी, न्यूरोसर्जरी, डेंटिस्ट्री, फिजियोथेरेपी विभागों की ओपीडी चल रही है। कॉर्डियोलोजी, कार्डियक सर्जरी, नेफ्रोलोजी, गेस्ट्रोसर्जरी, गेस्ट्रोमेडिसिन और रेडियोथेरेपी विभाग शुरू नहीं हो पाए हैं। अस्पताल भी 100 बिस्तरों का है। जबकि 900 बिस्तर होने चाहिए।
42 में सिर्फ 11 विभागों में ही शुरू हो सका इलाज
एम्स में 13 साल के भीतर अब तक सिर्फ 11 विभाग ही शुरू हो पाए हैं। 31 विभाग अभी भी ऐसे हैं जिसके ताले तक नहीं खुले हैं। न ही एक्सपर्ट डॉक्टरों की नियुक्ति हो पाई है। 2003 में केंद्रीय मंत्री रही सुषमा स्वराज ने एम्स का भूमिपूजन किया। 2014 में डॉ. हर्षवर्धन यहां पर आए। जुलाई 2016 में केंद्रीय राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते और अब केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने इसका दौरा किया है।
एम्स में 13 साल के भीतर अब तक सिर्फ 11 विभाग ही शुरू हो पाए हैं। 31 विभाग अभी भी ऐसे हैं जिसके ताले तक नहीं खुले हैं। न ही एक्सपर्ट डॉक्टरों की नियुक्ति हो पाई है। 2003 में केंद्रीय मंत्री रही सुषमा स्वराज ने एम्स का भूमिपूजन किया। 2014 में डॉ. हर्षवर्धन यहां पर आए। जुलाई 2016 में केंद्रीय राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते और अब केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने इसका दौरा किया है।