मुंबई : मुंबई में साल 2006 लोकल ट्रेनों में सीरियल बम विस्फोटों के करीब नौ साल बाद विशेष अदालत ने बुधवार को इस मामले में 12 दोषियों की सजा का ऐलान कर दिया। जानकारी के अनुसार, इस केस में कुल 12 दोषियों में से 5 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है। वहीं, 7 दोषियों को उम्रकैद की सजा दी गई। मकोका कोर्ट ने आज इस केस में नौ साल के बाद सजा का ऐलान किया। गौर हो कि गौर हो कि इन विस्फोटों में 188 लोगों की जानें गई थी।

 गौर हो कि विशेष न्यायाधीश यतिन डी शिंदे ने पिछले सप्ताह सजा के अनुपात पर दलीलों को लेकर सुनवाई पूरी की थी। तब अभियोजन पक्ष ने 12 में से आठ दोषियों को मौत की सजा देने की मांग की थी वहीं बाकी चार को उम्रकैद की सजा दिये जाने की मांग की गयी थी। विशेष मकोका अदालत ने 23 सितंबर को मामले में सजा पर अपना आदेश 30 सितंबर के लिए सुरक्षित रखा था।

इससे पहले अदालत ने 11 सितंबर को 13 में से 12 आरोपियों को दोषी करार दिया था और एक को बरी कर दिया था। इन सभी के कथित तौर पर प्रतिबंधित संगठन सिमी से संबंध रहे हैं। आरोपियों को आईपीसी, विस्फोटक अधिनियम, गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान से रोकथाम अधिनियम और भारतीय रेलवे अधिनियम और मकोका के प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया गया।

अदालत ने सभी 12 आरोपियों को मकोका की धारा 3 (1) (आई) के तहत भी दोषी पाया, जिसके बाद आज इनमें से पांच को मौत की सजा सुनाई गई। दोषियों में कमाल अहमद अंसारी (37), तनवीर अहमद अंसारी (37), मोहम्मद फैसल शेख (36), एहतेशाम सिद्दीकी (30), मोहम्मद माजिद शफी (32), शेख आलम शेख (41), मोहम्मद साजिद अंसारी (34), मुजम्मिल शेख (27), सोहेल महमूद शेख (43), जमीर अहमद शेख (36), नवीद हुसैन खान (30) और आसिफ खान (38) हैं। मुंबई की कई लोकल ट्रेनों में प्रथम श्रेणी डिब्बों में 11 जुलाई, 2006 को सात आरडीएक्स बम विस्फोट हुए थे जिनमें 188 लोग मारे गये और 829 घायल हो गए।