लखनऊ/नोएडा:

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री

अखिलेश यादव दिसंबर 2016 में कथित तौर पर अंधविश्वास/मिथक की वजह से नोएडा नहीं आए, लेकिन पास ही के गाजियाबाद जिले का दौरा किया. हाल ही में संपन्ना हुए विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है. 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में जहां सपा को 224 सीटें मिली थी, तो वहीं इस बार पार्टी सिर्फ 47 सीटों पर सिमट कर रह गई.

स्थानीय निवासी और व्यापारी वर्गों ने एक स्वर में कहा कि ऐसी कोई मिथक अथवा अंधविश्वास वाली बात नहीं है और मुख्यमंत्री को नोएडा आना चाहिए. पिछले साल पार्टी के ‘विकास रथ यात्रा’ के दौरान दिसंबर के पहले सप्ताह में अखिलेश यादव के पास नोएडा आने अवसर था, स्थानीय प्रशासन ने नोएडा स्टेडियम में उनके (अखिलेश यादव) स्वागत की तैयारियां भी की थीं.

सीएम को कुछ आधारभूत योजनाओं का उद्घाटन करना था, साथ में एक जनसभा भी संबोधित करनी थी. हालांकि अखिलेश यादव ने अपना नोएडा दौरा स्थगित कर दिया और लखनऊ से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए परियोजनाओं का उद्घाटन किया. दिलचस्प बात यह है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान नोएडा आने से बचते रहे. नोएडा से जुड़ा अंधविश्वास अथवा मिथक है कि जो भी मुख्यमंत्री नोएडा दौरे पर जाता है, आनेवाले चुनाव में उसकी हार तय हो जाती है.

1988 में शुरू हुआ मिथक: नोएडा के इस मिथक की शुरुआत 1988 में हुई जब वीर बहादुर सिंह नोएड आए और विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा. समय-समय पर हुए मध्यवर्ती चुनाव में नारायण दत्त तिवारी, कल्याण सिंह और मुलायम सिंह यादव सभी को इसी तरह से हार का सामना करना पड़ा.यही परिपाटी 2011 तक चली जब तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती नोएडा में ‘दलित प्रेरणा स्थल’ का उद्घाटन करने पहुंचीं और उन्हें हार से रू-ब-रू होना पड़ा. स्थानीय लोगों का मानना है कि यह यकीनी तौर पर अंधविश्वास है. नोएडा उद्योग मंडल के अद्यक्ष विपिन मलहान नोएडा से जुड़े इस अंधविश्वास को कहानी बताते हैं. उन्होंने कहा, ‘नोएडा से जुड़ी बदकिस्मती महज़ बनी-बनाई कहानी है.’मलहान ने कहा, इस विधानसभा चुनाव ने धर्म और जाति से जुड़े सभी राजनीतिक समीकरणों को तोड़ दिया. इस बात में कोई सच्चाई नहीं है कि मुख्यमंत्री अगर नोएडा का दौरा करेंगे तो वे विधानसभा चुनाव हार जाएंगे. नोएडा एक आर्थिक केंद्र है. यह राज्य के खजाने में सबसे अधिक राजस्व देता है. मुख्यमंत्री को निश्चित तौर पर नोएडा आकर यहां के विकास को देखना और लोगों से जुड़ना चाहिए.