स्वतंत्रता दिवस पर मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का तोहफा
भोपाल: मध्यप्रदेश में सोमवार को स्वाधीनता दिवस हर्षोल्लास से मनाया गया. राजधानी में आयोजित मुख्य समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने शासनकाल की उपलब्धियों का ब्योरा दिया और कर्मचारियों को कई सौगातें दीं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले कुछ दिनों में कर्मचारियों व अधिकारियों को सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाएगा और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को स्थायी कर्मचारी बनाया जाएगा. राजधानी भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित समारोह में चौहान ने ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली.
उन्होंने कहा कि दैनिक वेतनभोगियों को स्थायी कर्मियों का दर्जा दिया जाएगा, ताकि उन्हें भी वेतनमान, वेतनवृद्धि और मंहगाई भत्ता जैसी सुविधाएं मिल सकें. साथ ही योग्यतानुसार उनका समायोजन अन्य विभागों में किया जाएगा. शिवराज ने शासकीय कर्मियों को सातवां वेतनमान दिए जाने के साथ सामाजिक सुरक्षा पेंशन राशि बढ़ाने की भी घोषणा की.
उन्होंने कहा कि राज्य के नौजवानों को रोजगार की बेहतर सुविधा देने के मकसद से ‘रोजगार कैबिनेट’ बनाई जाएगी. यह कैबिनेट रोजगार के अवसर सृजित करने की दिशा में अहम काम करेगी. इसके साथ ही एक स्थान पर रोजगार के अवसर की समग्र जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य तेजी से बदल रहा है, देश और दुनिया में यहां की छवि बदल रही है. पहले राज्य की गिनती पिछड़े और गरीब राज्य के तौर पर होती थी, मगर अब ऐसा नहीं है.
चौहान ने आगामी योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि हर गांव को सड़क से जोड़ा जाएगा, हर खेत को पानी मिले, इसके प्रयास होंगे. हर बच्चे को शिक्षा और हर परिवार को स्वास्थ्य सेवा दिलाने के प्रयास होंगे. राज्य में कोई भी व्यक्ति बगैर जमीन के नहीं रहेगा, हर व्यक्ति के पास मकान के लिए जमीन होगी.
उन्होंने राज्य सरकार की उपलब्धियों का ब्योरा दिया और कहा कि राज्य में बिजली का उत्पादन बढ़ा है, आज सरप्लस बिजली है, सिंचाई क्षमता साढ़े सात लाख हेक्टेयर से बढ़कर 40 लाख हेक्टेयर हो चुकी है. नदियों को जोड़ा जा रहा है, अभी नर्मदा नदी का जल क्षिप्रा में लाया गया है. आगामी समय में क्षिप्रा के जल को गंभीर, पार्वती आदि नदियों में लाने की योजना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उपलब्ध सुविधाओं का ही नतीजा है कि देश और दुनिया के विभिन्न हिस्सों के निवेशकों का आकर्षण मध्यप्रदेश की ओर बढ़ा है. यही कारण है कि इंदौर में हुई पिछली इंवेस्टर्स समिट में हुए करार के बाद ढाई लाख करोड़ रुपये निवेश के प्रस्ताव आए.