शिमला। संसद के मानसून सत्र से पहले केन्द्र में सत्तारूढ़ भाजपा को अपने वरिष्ठ नेता और सांसद शांता कुमार की लिखी चिट्ठी के कारण शर्मिदा होना पड़ रहा है। शांता कुमार ने अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखा है कि व्यापमं घोटाले के कारण पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा है और पार्टी नेताओं को शर्म के कारण नीचे देखना पड़ रहा है।

सफलता के उत्सव पर लगा ग्रहण

उन्होंने राजस्थान और महाराष्ट्र सरकार का भी परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए लोकपाल की तरह एक इथिक्स कमिटी बनाने की मांग की है जिससे कि सरकार में बैठे नेताओं पर नजर रखी जा सके। उन्होंने लिखा कि, हम सम्मानपूर्वक सत्ता में आए और केन्द्र में सरकार बनाई। सरकार का एक साल उत्कृष्ट उपलब्घियों का साल रहा लेकिन जब हम यह सफलता मना रहे थे तब एक ग्रहण लग गया। राजस्थान से महाराष्ट्र तक लोग हम पर ऊंगली उठाने लग गए। मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले �के कारण हमारे सिर शर्म से झुक गए। लोगों को निराश और दुखी होना स्वाभाविक है। भाजपा कार्यकर्ता इसका सामना करने में असमर्थ है।

सिद्धांतों से समझौता होने लगे

शांता कुमार ने सोमवार को दो पन्ने के इस पत्र की कॉपी जारी की। यह 10 जुलाई को लिखा गया और उनके सोशल अकाउंट पर भी पोस्टेड है। इथिक्स कमिटी को लेकर उन्होंने लिखा कि, हम सत्ता में आए और सत्ताधारी पार्टी बन गए। लोग अपने सिद्धांतों से समझौता करने लग गए और यह सत्ता की राजनीति हो गई।जब जनसंघ की स्थापना हुई तक मूल्यवादी राजनीति पर जोर था।

मोदी-शाह की तारीफ

इस चिट्ठी में शांता कुमार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ की है और लिखा कि, नरेन्द्र मोदी की छवि और गुजरात में उनके काम के कारण ऎतिहासिक जीत मि ली। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की भी तारीफ की और लिखा कि अब हमें आपसे उम्मीद है कि आप भाजपा को मजबूत और प्रभावशाली संगठन बनाएंगे। गौरतलब है कि शांता कुमार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वे अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।